Monday - 30 June 2025 - 8:33 PM

UP: खेल विभाग की बैठक में क्या रहा खास? जानिए इस खबर में

  • खेल अवस्थापनाओं की गुणवत्ता पर सख्त हुए राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव, निर्देश— समयबद्ध और मानक अनुसार हो कार्य

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के खेल विभाग द्वारा संचालित विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन खेल अवस्थापनाओं की प्रगति की समीक्षा हेतु सोमवार को राजधानी लखनऊ स्थित के.डी. सिंह ‘बाबू’ स्टेडियम सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खेल एवं युवा कल्याण गिरीश चंद्र यादव ने की।

बैठक में प्रमुख सचिव खेल मनीष चौहान, सचिव खेल सुहास एल.वाई, निदेशक खेल डॉ. आर.पी. सिंह, संयुक्त सचिव हृदय नारायण सिंह यादव सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी और संबंधित जनपदों के विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

निर्देश हुए स्पष्ट और कड़े

राज्य मंत्री यादव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य स्वीकृत लागत एवं अनुमोदित मानकों के अनुरूप समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट को बिना आवश्यक कारणों के पुनरीक्षित न किया जाए और अतिरिक्त कार्यों को यथासंभव रोका जाए।

उन्होंने जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित गुणवत्ता जांच समिति से प्रत्येक माह रिपोर्ट प्राप्त कर निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि यदि कार्य अधोमानक पाया गया तो संबंधित अधिकारियों और निर्माण संस्था पर सीधी जवाबदेही तय की जाएगी।

पूरा कार्य नहीं तो लगेगा जुर्माना

मंत्री ने कहा कि यदि निर्माण अनुबंध में निर्धारित तिथि तक कार्य पूर्ण नहीं होता है तो ₹1,000 प्रतिदिन का अर्थदंड लगाया जाएगा, जिसे सरकारी कोष में जमा कराना होगा।

समयबद्ध कार्यों की प्राथमिकता

प्रमुख सचिव श्री मनीष चौहान ने भी निर्देशित किया कि ₹5 करोड़ से कम लागत वाले प्रोजेक्ट्स की अधिकतम समय-सीमा 12 माह और अन्य कार्यों के लिए अधिकतम 18 माह सुनिश्चित की जाए। इसके अनुसार ही सभी कार्य अनुबंधित किए जाएं।

फेडरेशन से प्रमाणन आवश्यक

उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सिन्थेटिक रनिंग ट्रैक और हॉकी मैदान जैसे विशेष प्रकृति के कार्यों का संचालन अनुभवी एजेंसियों से ही कराया जाए और कार्य पूर्ण होने के बाद एथलेटिक्स एवं हॉकी फेडरेशन से प्रमाणन अनिवार्य रूप से कराया जाए।

तृतीय-पक्ष जांच अनिवार्य

राज्य मंत्री ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात उसका थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य रूप से कराया जाए, जिससे गुणवत्ता की पुष्टि हो सके।

मासिक समीक्षा बैठक का एलान

 यादव ने घोषणा की कि अब से प्रत्येक माह निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। यदि दिए गए निर्देशों का अनुपालन नहीं हुआ तो संबंधित निर्माण एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

कार्यस्थल पर बोर्ड लगाना अनिवार्य

सभी निर्माण स्थलों पर कार्य की जानकारी देने वाला सूचना बोर्ड, जिसमें कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने की तिथि, लागत, मंत्री व अधिकारियों का नाम अंकित हो, उसे अनिवार्य रूप से लगाने का निर्देश भी दिया गया।

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