Sunday - 7 January 2024 - 12:48 AM

UP : मथुरा से अब सब्जी, फल और मसालों का अमेरिका में होगा निर्यात

  • यूपीसीडा की जमीन पर बना उत्तर भारत और यूपी का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस
  • प्रदेश सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर मथुरा में बनाया जीआरपीएफ पैक हाउस
  • यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड के फल-सब्जी कारोबारियों को होगा लाभ

लखनऊ। मथुरा, भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और भारत की प्राचीन नगरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते अब मथुरा में उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश का पहला गामा विकिरण प्रसंस्करण (जीआरपीएफ) सुविधा युक्त पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है।

इस जीआरपीएफ पैकहाउस के जरिए अब अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील और न्यूजीलैंड में रहने वाले लोग यूपी -दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में उगाए गए आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंदगोभी, अदरक, हरीमिर्च, आवंला, कटहल, आम, लीची, अमरुद, जामुन, अनार तथा मसालों का स्वाद ले सकेंगे।

वहीं दूसरी तरफ कृषि एवं फल कारोबार से जुड़े हजारों कारोबारी और लाखों किसानों को इस जीआरपीएफ पैक हाउस से लाभ होगा। उनकी उगाए फल, सब्जी और मसाले अब आसानी से अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर के देशों को भेजे जा सकेंगे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश में फल और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक है। फिर भी राज्य में उत्पादित फल और सब्जियों की 10 फीसदी से कम की ही प्रोसेसिंग हो पाती थी।

बड़ी मात्रा में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थ हर साल बर्बाद हो जाते थे। जिसके चलते किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाता था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका संज्ञान लिया। जिसके तहत उन्होंने फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण नीति 2017 तैयार कराई। इस नीति में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले उद्यमी को कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया गया।

प्रदेश सरकार की इस नीति से प्रभावित होकर वर्ष 2018 से अब तक 4109.74 करोड़ रुपए की लागत वाले 803 उद्यमों की स्थापना करने में छोटे तथा बड़े निवेशकों ने रूचि दिखाई।

इन निवेशकों में फल -सब्जी प्रसंस्करण के क्षेत्र में 81 ने , उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र में 232 ने , खाद्यान्न मिलिंग के क्षेत्र में 397 ने, हर्बल प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 03 ने, दुग्ध प्रसंस्करण के क्षेत्र में 35 ने , तिलहन प्रसंस्करण के क्षेत्र में 27 ने , दलहन प्रसंस्करण के क्षेत्र में 15 ने , मांस प्रसंस्करण के क्षेत्र में 08 ने और रेफर वैन के क्षेत्र में 10 ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए सरकार से जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

इन्ही निवेशकों में एक अभिषेक मिश्र भी थे, जिन्होंने सितंबर 2017 में प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों से प्रभावित होकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का हिस्सा बनाने के फैसला लिया।

अभिषेक मिश्र सीके बिडला ग्रुप की कंपनी में कार्य कर रहे थे, वहां की नौकरी छोड़कर उन्होंने मथुरा में जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने की पहल की।

उन्होंने सोलस इंडस्ट्रीज के नाम से अपनी कंपनी बनाई और वर्ष 2018 जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बनाने के लिए मथुरा में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह सरकार से किया।

उनके प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई हुई और उन्हें यूपीसीडा से मथुरा के कोसी कोटवान औद्योगिक क्षेत्र में 5535 वर्ग मीटर भूमि मिल गई। अब इस भूखंड पर जीआरपीएफ पैकहाउस और कोल्डस्टोरेज बन गया है।

इसके निर्माण पर 21 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आयी है। अब अगले महीने इसे शुरू करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात ये है कि यह उत्तर भारत और उत्तर प्रदेश का पहला जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज है।

इसे यूपी के अलावा देश के अन्य राज्य में भी अभिषेक मिश्र लगा सकते थे लेकिन यूपी सरकार की फूड प्रोसेसिंग नीति तथा सूबे की अन्य इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते उन्होंने मथुरा में ही इसे स्थापित करने का फैसला किया।

उनके इस फैसले के चलते अब दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, मेरठ, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में फल तथा सब्जी कारोबारी आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंद गोभी, अदरक, हरी मिर्च, आंवला, कटहल, आम, लीची, अमरूद, जामुन, अनार तथा मसाले आदि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर के देशों को भेजे जा सकेंगे।

इन देशों में भेजी जाने वाली सब्जी, फल तथा मसालों को बैक्टीरिया और वायरस रहित करने के लिए गामा विकिरण प्रसंस्करण जरूरी है।

अभी तक राज्य में गामा विकिरण प्रसंस्करण(जीआरपीएफ) की सुविधा वाले पैक हाउस ना होने के चलते प्रदेश में उत्पादित आलू, प्याज, मटर, गोभी, बंद गोभी, अदरक, हरी मिर्च, आंवला, कटहल, आम, लीची, अमरूद, जामुन, अनार तथा मसाले आदि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील और न्यूजीलैंड जैसे देशों को नहीं भेजा जा पाता था।

बासी मुंबई, लासलगांव नासिक और बेंगलुरु में स्थापित जीआरपीएफ पैक हाउस और कोल्ड स्टोरेज के जरिए ही इन देशों में फल, सब्जी और मसालों का उक्त देशों में निर्यात होता था।

अब अगले महीने से उत्तर प्रदेश भी उक्त देशों को यूपी में उत्पादित फल, सब्जी और मसालों को भेज सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि इस जीआरपीए पैकहाउस और कोल्ड स्टोरेज के शुरू होने से ना सिर्फ फल-सब्जी और मसालों के निर्यात में इजाफा होगा, वही गामा विकिरण के चलते सब्जी तथा फलों को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकेगा।

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