Sunday - 7 January 2024 - 1:47 PM

दो महीने गुज़र गए मगर लोहिया अस्पताल के इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला क्योंकि…

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मेन पोर्टिको हॉस्पिटल ब्लॉक में कर्मचारियों का धरना आज 12 अगस्त को चौथे दिन भी जारी रहा. लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के सदस्यों ने आज मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से मुलाकात कर उन्हें कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया.

मोर्चा के नेताओं ने मंत्री को बताया कि दो महीने से ज्यादा समय गुज़र जाने के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. वेतन न मिलने से नाराज़ कर्मचारी गेट पर धरना दे रहे हैं. मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने मोर्चा के नेताओं से कहा कि कर्मचारियों के साथ न्याय होगा अन्याय नहीं होने पाएगा. मैं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य से इस मामले में बात कर बहुत जल्दी न्याय पूर्ण आदेश जारी कराऊंगा.

मंत्री से मुलाक़ात करने गए प्रतिनिधिमंडल में डी.एस. पांडे, चीफ फार्मासिस्ट मोर्चा के मंत्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, मोर्चे के कोषाध्यक्ष विवेकानंद शुक्ला, उपाध्यक्ष प्रशासन अनिल चौधरी और उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला शामिल थे.

मुख्यमंत्री आवास पर ड्यूटी कर रहे रामगोपाल त्रिपाठी फार्मेसिस्ट जो 9 कर्मचारियों में सम्मिलित हैं उन्होंने मुख्यमंत्री के ओएसडी से समस्याओं के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बात की गई. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि मेरे स्तर से कुछ नहीं हो सकता उच्च अधिकारी इसमें कुछ कर सकते हैं मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा.

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ने नौ अगस्त 2021 को अलग-अलग. विभागाध्यक्ष को फोन करके उन नौ कर्मचारियों को कार्य करने से रोका जिनको पहली जून 2021 को नियम विरुद्ध तरीके से कार्यमुक्त किया गया था. जिससे कर्मचारी काफी परेशान हैं. दो महीने से कार्य कर रहे थे लेकिन उनकी उपस्थिति को प्रमाणित करके स्वास्थ्य महानिदेशक को नहीं भेजा गया जिसके कारण से उनका वेतन रुका हुआ है. यह सभी कर्मचारियों का प्रतिनियुक्ति पर तैनाती हो रही थी. उस समय नाम छूट गया था उनकी तैनाती के लिए चार अक्टूबर 2019 को समझौता हुआ था. समझौते के अनुसार कार्य कर रहे थे और प्रस्ताव शासन को पूर्व निदेशकों डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान द्वारा भेजा गया था लेकिन शासन से निर्णय न होने के कारण कर्मचारी संबद्धता के आधार पर कार्य कर रहे थे. निदेशक डॉक्टर सोनिया नित्यानंद ने कार्यभार ग्रहण करने के 10 दिन बाद ही कर्मचारियों को कार्य मुक्त कर दिया और उनको अस्पताल का संस्थान में विलय के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

आज कार्यमुक्त किए गए नौ कर्मचारियों से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की वार्ता हुई. वार्ता विफल रही जिसके विरोध में सभी नौ कर्मचारियों ने निर्णय लिया कि रोज सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक मेन गेट के पोर्टिको में धरना देंगे.

कर्मचारियों ने अपना प्रत्यावेदन निदेशक को देने के लिए गए थे लेकिन निदेशक के कैंप में बैठने वाले कर्मचारियों ने कर्मचारी ने बताया कि निदेशक ने मना किया इसलिए आप लोगों का कोई प्रपत्र रिसीव नहीं करेंगे और उन्होंने जीतेंद्र से बात किया उन्होंने बताया कि देश दीपक त्रिपाठी का कोई पत्र नहीं लेना.

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कर्मचारियों का आरोप है कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक पूर्ण रूप से मनमानी कर रही हैं. इन पर अंकुश न तो मंत्री लगा पा रहे हैं न ही प्रमुख सचिव लगा पा रहे हैं. कर्मचारी कई बार मंत्री चिकित्सा शिक्षा से मुलाकात की तथा चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री और महानिदेशक चिकित्सा से मुलाकात की लेकिन इन लोगों द्वारा जो भी पत्र लिखा गया वह शासन में दबा दिया गया और कोई कार्रवाई नहीं हुई. दो महीने का समय बीत गया. कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल रही है जिससे कर्मचारी परेशान हैं.

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