Tuesday - 9 January 2024 - 11:17 AM

यह मौत उस मौत से ज्यादा दर्द देती है मुझे

शबाहत हुसैन विजेता

एक मासूम बच्ची, एक फूल जैसी बच्ची, जिसने स्कूल के बस्ते का बोझ भी नहीं जाना, जिसने मज़हब नाम के इंसानी फर्क की तमीज़ नहीं सीखी, जिसने रिश्तों के मायने भी नहीं जाने उसे बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया। उसे मार देने की वजह कागज़ के वह चंद हज़ार नोट थे जो उसके बाप ने किसी से उधार लिये थे। उन कागज़ों की अहमियत भी उसे नहीं मालूम थी।

वह नोट उसे मिल जाते तो शायद उसके खिलौनों के डिब्बे में रख गए होते और पुराने हो जाने पर फाड़कर डस्टबिन में फेंक दिए गए होते। मगर वह नोट इतने कीमती थे कि उनके न मिल पाने की वजह से उसकी वह साँसें छीन ली गईं जो इतनी ज्यादा कीमती थीं कि उनसे उसके आँगन में खुशियों का सवेरा होता है।

वह मासूम जब अपने आँगन में दूध की बोतल लेकर दौड़ती थी तो उसके आँगन में रौशनी उतर आती थी। वह बहुत छोटी थी लेकिन उसके जाने से उसके घर में बहुत लम्बी रात आ गई है। एक ऐसा अँधेरा आ गया है जिसे कोई सूरज दूर नहीं कर सकता। कोई जनरेटर उसके घर को अब रौशन नहीं कर सकता।

 

रुपयों के लेनदेन में उसकी जान चली गई। इसके पीछे उसका लड़की होना नहीं था। उसकी मौत के पीछे उसका मज़हब नहीं था। उसकी जान चले जाने की वजह उसकी कोई गलती नहीं थी, लेकिन उसकी मौत के बाद उसे बार-बार मारने का सिलसिला शुरू हो गया। वह मर तो गई थी लेकिन उसकी इज्जत को आंच नहीं आई थी।

इज्जत की मौत को इस दुनिया में बुरा नहीं समझा जाता है, लेकिन इज्जत चली जाए तो फिर ज़िन्दगी के मायने भी खत्म हो जाते हैं। उसके माँ-बाप ने उसका नाम ट्विंकल रखा था। वह यह बात नहीं जानते थे कि वह चमकने के लिए पैदा ही नहीं हुई है। वह तो ठीक ऐसे वक्त विदा हो जाने के लिए पैदा हुई है जब उसकी किलकारियां हर चेहरे पर मुस्कान ला सकने की ताकत रखेगी। उसे कुछ जल्लादों ने बड़ी बेरहमी से काट दिया. उसके फूल जैसे चेहरे को बुरी तरह से झुलसा दिया।

कुछ जल्लादों ने उसे दर्द भरी मौत से गुज़ारा लेकिन मौत के बाद मरने वाले की दिक्कतें खत्म हो जाती हैं लेकिन उसकी किस्मत में मौत के बाद भी सुकून नहीं था। उसके साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक फ़ौज खड़ी हो गई। यह फ़ौज घरों से नहीं निकलती। इस फ़ौज को लाइक और शेयर से ज्यादा कोई दरकार नहीं होती। इनका इन्साफ इनके मोबाइल तक ही सीमित रहता है।

यह वह लोग नहीं हैं जो निर्भया को इन्साफ दिलाने के लिए सड़कों पर उतर गए थे। यह वह लोग नहीं हैं जिनके शोर से सोती हुई सरकार जाग जाए। यह मुल्क की क़ानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए न अपना पैसा खर्च कर सकते हैं न वक्त खर्च कर सकते हैं। इन लोगों का सिर्फ एक मकसद है कि सोशल मीडिया पर नफरत की एक आंधी चला दें और वह आंधी उनके हिस्से में ढेर सारे लाइक और शेयर बटोर लाये।

वह आंधी बहुत तेज़ी से चल पड़ी है। एक मासूम की मौत को मज़हब से जोड़ दिया गया है। उसके साथ रेप की झूठी कहानी भी गढ़ दी गई है। जिस बच्ची के फूल से जिस्म पर चाकू चलाया गया। जिसके मासूम चेहरे पर तेज़ाब फेंका गया उसके साथ रेप जैसी घिनौनी चीज़ जोड़कर उसे मौत के बाद भी आराम नहीं करने दिया जा रहा है।

रेप के नाम पर उसे बार-बार शर्मिन्दा किया जा रहा है। जो उसके साथ हुआ ही नहीं उसके बारे में वह इस दुनिया को कैसे बताये कि मैं मारी गई हूँ, काटी गई हूँ, जलाई गई हूँ लेकिन रेप का दर्द तो इससे भी कहीं बड़ा दर्द होता है शुक्र है कि मैं उस दर्द से नहीं गुज़री लेकिन बगैर उस दर्द से गुज़रे भी मेरी लाश के साथ रोज़ रेप हो रहा है।

हर दूसरे पल मेरे जिस्म पर वह तेज़ाब फेंका जा रहा है जो उस तेज़ाब से ज्यादा जलाता है। लेकिन किसी को कोई भी परवाह नहीं है क्योंकि मेरी मौत एक ज़माने की मौत है। यह मुल्क की संवेदनाओं की मौत है। मैं कैसे बताऊँ कि मैं मज़हब की वजह से नहीं मारी गई। जिसने मुझे काटा वह तो मेरा चाचा था। मुझे गोद में घुमाता था। जिसने मुझे पैदा किया उससे उसका क्या झगड़ा था मुझे क्या पता। मैं तो उसकी भी ट्विंकल थी। उसकी गोद में मुझे पूरा सुकून मिलता था। कभी नहीं पता चला कि वह गोद किसी दूसरे मज़हब की गोद है।

ट्विंकल मर चुकी है। अब कभी नहीं लौटेगी। उसकी किलकारियां शांत हो चुकी हैं। उसका मुस्कुराता चेहरा अब कभी नहीं दिखेगा। अब कभी भी वह ठुमक कर अपने आँगन में नहीं चलेगी। अब उसके आँगन में प्यार का वह सवेरा कभी नहीं होगा जो एक मासूम के चलने से निकलता है। मगर सोशल मीडिया के ज़रिये उसकी इज्ज़त से जो छेड़छाड़ हुई है।

उसे मज़हब का जो फर्क समझाने की कोशिश हुई है, उसने उसका जो सुकून छीना है उसकी ज़िम्मेदारी तय हो पायेगी क्या? उसे काटने वालों को अदालत सजाए मौत भी दे दे तो भी क्या उस पर जो दाग इन नासमझों ने लगाया है वह छूट पायेगा क्या?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com