न्यूज डेस्क
देश में पिछले 42 दिनों से चले आ रहे लॉकडाउन की वजह से गिरती अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से कुछ शर्तों के साथ कई दुकानें खोलने का फैसला किया गया है। इन्हीं छूट में सबसे अहम है शराब की दुकानें खोलने की इजाजत मिलना। सरकार भी जानती है कि ज्यादातर राज्यों के कुल राजस्व का 15 से 30 फीसदी हिस्सा शराब से आता है।
पहले दिन कई राज्यों में शराब की दुकानों पर लंबी कतारे दिखीं। साथ ही करोड़ों रुपए की शराब बिकी। इससे सरकार को काफी मुनाफा हुआ। हालांकि इस बीच शराब के रास्ते अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के सरकारी फैसले ने नई बहस को जन्म दे दिया है। ट्वीटर पर शराबी सरकार ट्रेंड हो रहा है।
कुछ लोग शराब खरीदने वालों को कोरोना वारियर्स की संज्ञा दे रहे हैं तो कुछ लोग कह रहे हैं पिछले 40 दिनों की मेहनत बेकार होती दिख रही है। सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि आखिर देश में सबसे पहले शराब की ही दुकानों को खोलने का आदेश सरकार की ओर से क्यों दिया गया।
जानकारी के अनुसार, शराब की बिक्री से वित्त वर्ष 2019-20 में महाराष्ट्र ने 24,000 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल ने 11,874 करोड़ रुपये, तेलंगाना ने 21,500 करोड़, उत्तर प्रदेश ने 26,000 करोड़, कर्नाटक ने 20,948 करोड़, पंजाब ने 5,600 करोड़ रुपये और राजस्थान ने 7,800 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। दिल्ली भी इससे अलग नहीं थी। राजधानी दिल्ली को भी इस दौरान करीब 5,500 करोड़ रुपये का आबकारी शुल्क मिला था। इन आंकड़ों का उदाहरण देकर कई सोशल मीडिया पर कई यूजर्स सरकार के फैसले की सराहना कर रहे हैं।
लेकिन जिस तरह कोरोन वायरस ने मई महीने अपनी रफ्तार तेज कर दी है उससे इस बात का भी डर हो गया है कि कहीं शराब की दुकानें खोलने का फैसला करके सरकार ने कोई गलती तो नहीं की है।
दरअसल, देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 46 हजार को पार कर गया है। पिछले 24 घंटे में 3900 नए मरीजों की पुष्टि हुई है और 195 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल मरीजों की संख्या 46 हजार 433 है, जिसमें 12 हजार 728 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 1568 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
मई के महीने में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। 30 अप्रैल तक कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1075 था, लेकिन पिछले चार दिनों में यह आकंड़ा 15 सौ को पार कर चुका है। यानी 4 दिन के अंदर करीब 500 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 30 अप्रैल को देश में एक्टिव केस की संख्या 24 हजार 162 थी, जो 4 दिन में 32 हजार 138 हो गई है।
शराब की दुकानें खोलने का नतीजा 14 दिन बाद देखने को मिलेगा। आज कोरोना मरीज़ों का आँकड़ा 46433 है। आँकड़ा अगर बाढ़ की तरह बढ़ा तो मान लीजियेगा कि इस बार शराबी नहीं सरकार नशे में थी। https://t.co/afDwHFZpMx
— Manoj Rajan Tripathi (@manojrajant) May 5, 2020
कई यूजर्स कह रहे हैं कि सरकार के इस फैसले का असली असर कुछ दिन बाद देखने को मिलेगा।
#शराबी_सरकार
Govt. Before Taking The Decision To Open Wine Shops in lockdown #शराबी_सरकार pic.twitter.com/aZOpbLEBcK— Pradeep Kumar (@Pradeep33726734) May 5, 2020
The silly decisions of opening sabzi mandi and now opening wine shop without maintaining will further surge the numbers of Covid-19.
Economy is secondary, how deplorable it is to fill Treasury such decisions have come up. Primary is saving lives of people. #शराबी_सरकार pic.twitter.com/qwfR83GHlG
— Chetan Singh (@ChetanNature) May 5, 2020