भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है। सऊदी-अमेरिका निवेश फोरम के मंच से ट्रंप ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान वॉशिंगटन ने दोनों परमाणु शक्तियों के बीच ‘ऐतिहासिक संघर्षविराम’ कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इस सफलता को ‘शांति की दिशा में बड़ा कदम’ बताया।
जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि उनके प्रशासन ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करते हुए एक “सफल और ऐतिहासिक संघर्षविराम” कराया।
यह बयान ट्रंप ने सऊदी-अमेरिका निवेश फोरम में अपने संबोधन के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “जैसा कि मैंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था, मेरी सबसे बड़ी आशा शांति और एकता लाने की है। मुझे युद्ध पसंद नहीं है, हालांकि हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।”
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ट्रंप ने आगे कहा, “आइए परमाणु मिसाइलों का व्यापार न करें। इसके बजाय उन खूबसूरत चीजों का व्यापार करें जिन्हें आप बनाते हैं। भारत और पाकिस्तान — दोनों के पास मजबूत, समझदार और प्रभावशाली नेता हैं। अब संघर्ष थम गया है। उम्मीद है, यह स्थायी रहेगा।”
उन्होंने अपने प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें विदेश मंत्री मार्को रुबियो, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और पूरी टीम पर गर्व है।
ट्रंप ने मंच से रुबियो की सराहना करते हुए कहा, “मार्को, खड़े हो जाइए। आपने बहुत अच्छा काम किया। धन्यवाद। यह वास्तव में एक शानदार टीमवर्क था। मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान अब वाकई एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं।”
बता दे कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार को भी भारी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मसूद अजहर के 14 परिजन मारे गए हैं, जिनमें उसकी बहन भी शामिल है।