Wednesday - 10 January 2024 - 4:48 PM

भारत के बाहर भी चौपट हो रहा पर्यटन उद्योग

न्यूज डेस्क

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने देश की चिंता बढ़ा दी है, लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना ने दुनिया भर के टूरिज्म इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है। भारत का टूरिज्म सेक्टर भी अछूता नहीं है। जल्द हालात नहीं सुधरे तो इंडस्ट्री स्ट्रेस में आ जाएगी। इंडस्ट्री के लोग कह रहे हैं कि अब उन्हें स्थिति संभाले रखने के लिए अब सरकार से मदद की जरूरत पड़ेगी।

कोरोना वायरस ने दुनिया भर के लोगों के सैर सपाटे की रफ्तार रोक दी है, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भी विदेशी पर्यटकों के आने पर कई तरह की पाबंदी लगा दी है।

वहीं भारतीयों को भी विदेश न जाने की सलाह दी जा रही है, टूरिज्म कंपनियों के मुताबिक इन तमाम वज़हों से पिछले 3 महीने में पूरे सेक्टर को 25 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, अगली तिमाही तक ये नुकसान दोगुना हो सकता है।

कोरोना के डर से लोग अब गर्मी छुट्टी के प्लान कैंसिल कर रहे हैं, छुट्टियों में घूमने के लिए विदेश ही नहीं बल्कि देश में लद्दाख, कश्मीर, केरल जैसी जगहों पर जाने से भी लोग बच रहे है, विदेशों की बात करें तो जिन लोगों ने सस्ती एयर टिकट की वजह से इटली, चीन, जापान, दुबई जैसी जगहों की 3 महीने पहले बुकिंग कराई थी अब वो सभी कैंसिल कर रहे है।

टूरिज्म सेक्टर के मुताबिक कोरोना का असर अगले एक साल तक इस सेक्टर में देखने को मिल सकता है, फिलहाल स्थिति ये है कि अपना खर्च निकलना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में टूरिम इंडस्ट्री सरकार से आर्थिक मदद की मांग कर रही है। हालांकि देश- दुनिया के तमाम बड़े देशों में इसका खासा असर देखने को मिल रहा है।

कोरोना वायरस महामारी के चलते घरेलू यात्रा और पर्यटन उद्योग को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। सरकार ने भी इस महामारी की वजह से सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं।

सीआईआई के अनुसार यह भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए सबसे बुरे संकटों में से एक है। इसने घरेलू पर्यटन उद्योग के साथ-साथ पर्यटन के लिए विदेश जाने वाले लोग भी प्रभावित हुए हैं। इससे कुल मिला कर घरेलू और विदेश पर्यटन बाजार पर असर पड़ा है।

टिकट कैंसिल होने से बढ़ रही दिक्कतें

ट्रैवल जोन के संचालक प्रदीप की माने तो कोरोना वायरस को लेकर इंडिगो और थाई एयरवेज ने 1 मार्च से बैंकॉक के अपने सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। केवल एयर एशिया की ही उड़ानें अभी चल रही हैं। पहले से बुक हुए टिकट में से लगभग 80% टिकट कैंसिल हो चुके हैं या करवाए जा रहे हैं। बैंकाक, सिंगापुर और मलेशिया जाने वालों की संख्या ज्यादा होती है।

बुकिंग रद्द होने से पर्यटन उद्योग पूरी तरह टूट गया है। माना जा रहा है कि आने वाले 4 से 6 महीनों तक इस स्थिति में कोई सुधार की उम्मीद नहीं आ रही है। मई, जून तक के एयर टिकट रद्द करने के आवेदन आ चुके हैं।

वायरस के बढ़ते खतरे से होटल, ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेशन, डेस्टिनेशन, रेस्टोरेंट, फैमिली इंटरटेनमेंट स्थलों, समुद्री परिवहन सभी को नुकसान पहुंचा है। कोरोनो की महामारी के एक प्रभाव आकलन में CII पर्यटन समिति ने कहा कि अक्टूबर से मार्च के बीच औसतन 60-65% मूल्य के हिसाब से 28 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के विदेशी पर्यटन पर असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार…

सीआईआई की पर्यटन समिति ने कोरोना वायरस महामारी के पर्यटन उद्योग पर असर का आकलन किया है। इसके मुताबिक, अक्टूबर से मार्च के बीच भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या वार्षिक आगमन की 60-65% होती है। भारत को विदेशी पर्यटकों से 28 अरब डॉलर से अधिक की आय होती है।

रिपोर्ट के अनुसार यात्रा टिकटों, होटल बुकिंगों इत्यादि का कैंसिलेशन बहुत तेजी से हो रहा है। अब मार्च में कई भारतीय पर्यटन स्थलों पर बुकिंग का कैंसिलेशन 80% के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है। सीआईआई का कहना है कि भारत सरकार के सभी वीजा रद्द करने से यह स्थिति और ‘बदतर’ होगी।

अरब ने हज यात्रियों को दिया यह बड़ा झटका

सालाना हज यात्रा से कुछ महीने पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका को देखते हुए सऊदी अरब ने इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों की यात्रा पर रोक लगा दी है। पश्चिम एशिया में कोरोना वायरस के 240 से अधिक मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

सऊदी अरब के इस फैसले का मकसद विदेशी नागरिकों को पवित्र शहर मक्का और काबा जाने से रोकना है, जहां दुनिया के एक अरब 80 करोड़ मुस्लिम एक दिन में पांच बार की नमाज अदा करते हैं।

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