Sunday - 21 January 2024 - 1:07 PM

अस्पतालों की छुट्टी पर भड़का विपक्ष

केंद्र सरकार के जरिए संचालित होने वाले चार अस्पतालों ने फैसला किया है कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहने वाले हैं। ऐसे में मरीजों को परेशानी उठाना तय माना जा रहा है।

लोग अपने नंबर के लिए जाड़े में लंबी लाइन लगाने पर मजबूर है। ऐसे में एम्स दिल्ली, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं दोपहर 2.30 बजे के बाद शुरू होने से मरीजों को अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ सकती है।

इस मामले पर अब केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है क्योंकि विपक्ष ने सरकार के इस फैसला पर सवाल उठाया है और कहा है कि क्या यही राम राज है।

कांग्रेस प्रवक्ता शमा महमूद ने भी अस्पतालों की छुट्टी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह विश्वास से परे है कि मरीजों की जान खतरे में डाली जा रही है, सिर्फ इसलिए क्योंकि नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक कार्यक्रम की निर्बाध कवरेज चाहते हैं। ‘ कांग्रेस पहले ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बीजेपी का राजनीतिक इवेंट बता चुकी है। पार्टी का कहना है कि चुनावी फायदे के लिए अयोध्या में बने अधूरे राम मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।

पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी अस्पतालों की ओपीडी सर्विस बंद होने पर सवाल किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘एम्स ने 22 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे तक ओपीडी बंद किया हुआ है. राम राज्य में ऐसा कभी नहीं होता। ‘

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने दावा किया है कि लोग अप्वाइंटमेंट के इंतजार के लिए एम्स के गेट पर बाहर ठंड में सो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एम्स सोमवार को दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेगा। लोग दिल्ली एम्स के बाहर गेट पर सो रहे हैं, ताकि उन्हें जल्दी अप्वाइंटमेंट मिल जाए। गरीब और मरने वाले लोग इंतजार कर सकते हैं क्योंकि कैमरे और पीआर के लिए मोदी की हताशा को प्राथमिकता दी गई है। ‘

Radio_Prabhat
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