न्यूज डेस्क
वीर सावरकर को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में घमासान छिड़ा हुआ है। कांग्रेस सेवादल द्वारा सावरकर पर किए गए विवादित बुकलेट को लेकर सहयोगी एनसीपी ने भी कांग्रेस को नसीहत दी है। वहीं इससे पहले इस मामले में शिवसेना ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था।
वीर सावरकर को लेकर माहौल गर्म है। जहां बीजेपी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है वहीं महाराष्ट्र अघाड़ी में भी घमासान छिड़ गया है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने इस मामले में कहा कि वैचारिक मतभेद ठीक है लेकिन सावरकर पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक लेख लिखना गलत है।
गौरतलब है कि कांग्रेस सेवादल द्वारा जारी बुकलेट में दावा किया गया था कि ‘सावरकर और गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे।’ इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने भी सावरकर पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। ऐसे में सावरकर मुद्दे पर महाराष्ट्र अघाड़ी में खटपट देखने को मिल रही है।
इससे पहले भी राहुल गांधी के वीर सावरकर वाले बयान पर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची थी। शिवसेना ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए सावरकर के बारे में पढऩे की सलाह दी थी। हालांकि शिवसेना स्पष्ट कहा था कि इससे उद्धव सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
एनसीपी से पहले सावरकर पर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। सांसद संजय राउत ने कहा था कि वीर सावरकर एक महान व्यक्तित्व थे और हमेशा रहेंगे। एक वर्ग उनके खिलाफ बोलता रहता है जो उनके दिमाग की गंदगी को दिखाता है कि कितना हद तक वे गिर सकते हैं।
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