Wednesday - 10 January 2024 - 9:33 AM

शवों के टुकड़े फेंके जाते रहे, पुलिस रही बेबस

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। प्रदेश को अपराध मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार व आलाधिकारी बड़े- बड़े दावे करते रहे हैं। इसके लिए पुलिस के आलाधिकारियों ने अपराधियों को पकड़ने व उन्हें मुठभेड़ में धराशाई करने का अभियान भी चलाया।

इसके बावजूद राजधानी में अपराधियों का आतंक कम नही है। हत्यारे एक साल से बार-बार हत्या करने के बाद लाश के टुकड़े विभिन्न थाना क्षेत्रों में जगह-जगह फेंकते रहे, लेकिन पुलिस उनकों पकड़ने में बार-बार नाकाम साबित हुई।

शनिवार को हत्यारे ने महिला की हत्या कर कृष्णानगर इलाके में उसके शरीर के अंगों को बैग में भरकर ठिकाने लगाया और दूसरे दिन उसके धड़ को पारा क्षेत्र में बोरे व दरी में भरकर फेंककर चला गया, लेकिन इस मामले को लेकर सतर्कता बरत रही दोनों थानों की पुलिस को इसका आभास तक नहीं हुआ।

हालांकि इस घटना में महिला की शिनाख्त ना करा पाने का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी हत्यारों ने सूनसान इलाके सहित आबादी वाले इलाकों में कटी हुई लाशें फेंकी थीं। इन लाशों की शिनाख्त पुलिस कई महीने बाद भी नहीं करा पायी और ना ही हत्याकाण्डों का खुलासा कर पायी।

गोसाईगंज क्षेत्र में कुछ दिन पहले बैग में महिला का शव मिलने के बाद पुलिस अभी तक महिला की शिनाख्त तक नहीं करा पाई है। पिछले साल तालकटोरा क्षेत्र में नाले में सिर विहीन लाश और पारा क्षेत्र में बाग में मिले मानव अंगों का धड़ अभी तक बरामद करने में पुलिस नाकाम रही है। ताजा मामला यह है कि एक बार फिर पारा क्षेत्र में महिला का धड़ मिलने के बाद पुलिस की साख पर बाट लग गयी है।

इस हत्याकाण्ड का खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बना है। पारा, तालकटोरा और गोसाईगंज क्षेत्रों में मिलीं क्षत-विक्षत लाशों के मामले में पुलिस को अभी शिनाख्त का इन्तजार है। सबसे अहम बात यह है कि हत्यारों ने इन्हें इतनी बेरहमी से कत्ल किया है कि उसे देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि हत्यारे बेरहमी से कत्ल कर शरीर के टुकडे करने के बाद फेंकते रहते हैं और राजधानी पुलिस कातिलों तक पहुंचने में नाकाम रहती है।

ये हैं दिल दहला देने वाली घटनाएं

केस नम्बर 1 : तालकटोरा के धनिया महरी पुल के नीचे 2 अप्रैल 2018 को हत्यारे ने करीब 36 वर्षीय पुरुष का सिर काट कर धड़ को नाले में फेक दिया था, जिसके शरीर पर एक सैण्डो बनियान ही थी। शव सफेद पन्नी से लिपटा था। बांये हाथ और पैर के घुटनों का मांस गायब था। जांच के दौरान खोजी स्वॉन खिन्नी चौराहा तक गया, लेकिन पुलिस उसका सिर नहीं बरामद कर पाई और ना ही उसकी पहचान करा पाई।

केस नम्बर 2 : पारा क्षेत्र के गायत्रीनगर में सड़क के किनारे 19 मई 2018 को हत्यारे ने रामबिहार कालोनी निवासी पेन्टर राजकुमार नाग के दोनों हाथ-पैर काटकर बोरे में भरने के बाद ठिकाने लगा दिया। परिजनों ने हत्या की आशंका पड़ोस के एक युवक अंशू सोनी पर जाहिर किया। एक हफ्ते तक करीब एक दर्जन लोगों को थाने पर बैठाकर पुलिस जांच करती रही, लेकिन पुलिस घटना का खुलासा अब तक नहीं कर पाई।

केस नंम्बर 3 : पारा के सलीमपुर पतौरा मजरा सूरजकुण्ड खेड़ा में 9 जुलाई 2018 को आम के बाग में धड़ विहीन पुरुष के कटे हुए हाथ-पैर और सिर मिला। दूसरे दिन उसकी शिनाख्त राज बहादुर गौतम निवासी ग्राम मौलवी खेड़ा पोस्ट कडौनी कासिमपुर सण्डीला के रूप में परिजनों ने की।

मृतक के भाई राजेश गौतम ने सहादतगंज निवासी मकान मालिक पर हत्या की आशंका जताई थी। परिजनों ने महीनों राजबहादुर के धड़ का दाह संस्कार कराने के लिए थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन अब तक पुलिस धड़ की तलाश नहीं कर सकी और ना ही कातिलों तक पहुंच सकी।

केस नम्बर 4 : गोसाईगंज के इकाना स्टेडियम के पास 21 जनवरी 2019 को बैग के अन्दर महिला का शव मिला था। महिला का चेहरा जला था और शरीर पर चोट के निशान थे, जिसकी शिनाख्त भी पुलिस अभी तक नहीं करा पाई है।

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