Saturday - 3 May 2025 - 1:28 PM

आतंक का जवाब आर्थिक वार से: पाकिस्तान से आयात पूरी तरह बंद

जुबिली न्यूज डेस्क 

पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पाकिस्तान से होने वाले सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सरकार ने साफ कहा है कि अब पाकिस्तान में उत्पादित या वहां से निर्यात की जाने वाली कोई भी वस्तु, चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से आए या किसी तीसरे माध्यम से, भारत में प्रवेश नहीं कर सकेगी।

भारत सरकार का सख्त संदेश

भारत सरकार की अधिसूचना में कहा गया है:“Direct or indirect import or transit of all goods originating in or exported from Pakistan, whether or not freely importable or otherwise permitted, shall be prohibited with immediate effect.”

इस फैसले के पीछे सरकार का स्पष्ट तर्क है – आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश से किसी भी प्रकार का सहयोग स्वीकार्य नहीं है। भारत ने यह भी संकेत दिया है कि जब तक पाकिस्तान अपनी नीति में बदलाव नहीं करता, तब तक न केवल व्यापारिक, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी कोई संबंध नहीं रखा जाएगा।

पहलगाम हमला बना निर्णायक मोड़

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन पर मढ़ी गई थी। इसके बाद से ही भारत सरकार का रुख सख्त होता चला गया।

इससे पहले भारत ने:

  • पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द किए

  • वाघा-अटारी बॉर्डर बंद कर दिया

  • सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से निलंबित किया

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका

भारत के इस फैसले का सीधा असर पाकिस्तान की जर्जर होती अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक:

  • पाकिस्तान के सीमेंट उद्योग, जो भारत में बड़ी मात्रा में निर्यात करता था, को भारी नुकसान होगा।

  • ड्राई फ्रूट्स, खासकर अफगानी और पाकिस्तानी मूल के, अब भारत में नहीं बिक पाएंगे।

  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मौजूद पाकिस्तानी उत्पाद भी अब प्रतिबंधित रहेंगे।

  • विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव और बढ़ेगा, जिससे पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता और मुश्किल हो जाएगी।

2019 के पुलवामा हमले के बाद की नीति का विस्तार

यह फैसला 2019 में पुलवामा हमले के बाद शुरू हुई भारत की नीति का ही अगला चरण है। उस समय:

  • पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छीना गया था

  • कस्टम ड्यूटी को 200% तक बढ़ा दिया गया था

  • सीमा व्यापार के कई रूट बंद कर दिए गए थे

विशेषज्ञों की राय: ‘इकोनॉमिक स्ट्राइक’ का असर गहरा

विदेश नीति विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की यह ‘आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक’ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अधिक अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह निर्णय पाकिस्तान को कड़ा संदेश देता है कि आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते।

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भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन से पनप रहे आतंकवाद को रोकने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक कोई रियायत, कोई व्यापार और कोई संवाद संभव नहीं। यह फैसला सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक नैतिकता का हिस्सा है।

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