अविनाश भदौरिया। भारत की सियासत में ‘धर्म’ और ‘जाति’ हमेशा से ही अहम रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि धर्म और जाति पर सियासत करना सुविधाजनक है। विकास या अन्य मुद्दों पर जनता का समर्थन वैसा नहीं मिलता जैसा की धर्म और जाति के नाम पर मिलता है। …
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दलितों और मुसलमानों का वोट बेच रही हैं मायावती : नसीमुद्दीन सिद्दीकी | Jubilee TV
शिवपाल की ये कैसी राजनीति : मुलायम से प्रेम लेकिन बेटे से बैर !
सैय्यद मोहम्मद अब्बास लखनऊ। शिवपाल यादव की नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी लोहिया भी चुनावी दंगल में ताल ठोंकती दिख रही है। हालांकि यह बात सच है कि इस चुनाव में शिवपाल यादव शायद ही एक सीट जीत सके लेकिन वह सपा के लिए परेशानी का केंद्र बने हुए है। सपा-बसपा …
Read More »किसकी झोली भरेगा, चुनाव का पहला कदम!
राजेन्द्र कुमार 17वी लोकसभा के गठन को लेकर आज देश के लोगों ने पहला कदम बढ़ाया। इसके तहत देश के 20 राज्यों में 91 सीटों के लिए आज वोट डाले गए। इन 91 सीटों में आठ सीटें उत्तर प्रदेश की भी हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश की इन आठ सीटों पर …
Read More »यूपी की इन सीटों पर कांग्रेस ने लगा रखी है जीत की उम्मीद
अविनाश भदौरिया लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है। सभी राजनीतिक दलों ने ज्यादातर लोकसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है और चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। राजनीतिक पंडितों ने अपनी गणित लगाना शुरू कर दिया है और सर्वे आने …
Read More »शिवपाल से क्यों है सपा-बसपा को खतरा
सैय्यद मोहम्मद अब्बास लखनऊ। चुनाव में अब बेहद कम दिन रह गए है। पूरे देश में चुनावी दंगल के लिए कांग्रेस और बीजेपी लगातार जनता का दिल जीतने में लगी हुई है। सरकार किसकी बनेगी ये तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा लेकिन चुनावी दंगल के जीतने के …
Read More »महागठबंधन के तीन रंग, अखिलेश, आकाश और जयंत
अविनाश भदौरिया लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में चार दिन बचे हैं। 11 अप्रैल को सहारनपुर समेत पश्चिमी यूपी की 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. रविवार को देवबंद में गठबंधन ने रैली करके चुनाव प्रचार की शुरुआत की। यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी ने मोदी लहर को …
Read More »प्रधानमंत्री बनने की सदिच्छा या भाजपा की मदद
के. पी. सिंह विशाखापटट्नम में गत बुधवार को पत्रकार वार्ता में मायावती ने मौका मिलने पर प्रधानमंत्री पद संभालने की इच्छा जाहिर की है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने और नई सरकार के गठन में कुछ ही सप्ताह का समय शेष रह गया है। इस मौके की नजाकत के मददेनजर …
Read More »12 लाख लोगों की मौत लेकिन माननीयों की नजर में चुनावी मुद्दा नहीं
प्रीति सिंह भारतीय राजनीति में पहले गरीबी, विकास सहित कुछ गिने-चुने मुद्दों पर चुनाव होता रहा है। समय बदलनेके साथ इन मुद्दों की जगह जाति धर्म, हिंदू-मुस्लिम, मंदिर ने ले ली। राजनीतिक पार्टियों जनता को जाति-धर्म में बांटकर आराम से अपनी रोटी सेक रही हैं। जनता भी इनके छलावे में …
Read More »सियासी घरानों में भी कमाऊ पूत, सबसे मजबूत!
संदीप पांडेय क्या वाकई मां-बाप अपने बच्चों को दो आंखों से देखते हैं ? सामाजिक पृष्ठभूमि का ये सवाल अब सियासी गलियारे का भी सच बनता जा रहा है। बिहार में राजनीतिक दलों के बीच जारी उठापटक से ज्यादा चर्चा RJD में मचे घमासान पर हो रही है। परिवार …
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