Wednesday - 10 January 2024 - 7:45 AM

Tag Archives: दादा यानी विश्वदीप घोष

अलविदा दादा, हृदय में हमेशा धसे रहोगे

उत्कर्ष सिन्हा जीवन की नश्वरता का जैसा वास्तविक एहसास आज हो रहा है पहले कभी नहीं हुआ । कुछ घंटों पहले तक जो शख्स आपकी जिंदगी का एक अटूट हिस्सा रहा हो उसके असमय मृत्य की खबर अचानक आपको तब मिले जब आप 350 किलोमीटर दूर एक बेटी की डोली …

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