Tuesday - 16 December 2025 - 4:02 PM

Tag Archives: राजनीति

कांग्रेस में क्यों शुरू हो गई बगावत

पॉलिटिकल डेस्क। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के नेता आपस में ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान समेत कई राज्यों में कांग्रेस के अन्दर अंतर्कलह शुरु हो गई है। एक ओर जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं से नाराज हैं, …

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इफ्तार पर तकरार, शाह ने लगा दी किसकी क्लास ?

पॉलिटिकल डेस्क। बिहार में इफ्तार पार्टी पर सियासत तेज हो गई है। इफ्तार पार्टी में शामिल होने की घटना को लेकर अपनों के बीच में ही सियासी तल्खियां देखने को मिल रही है। इफ्तार में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से की गई टिप्पणी पर गृह …

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बहस के केन्द्र में है गोदी मीडिया

केपी सिंह  लोक सभा चुनाव के नतीजों के बाद लोकतंत्र का तथाकथित चौथा स्तम्भ पहले स्तम्भ के निशाने पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ही अपने-अपने तरीके से मीडिया की भूमिका पर उंगली उठाने में लगे है। इस बीच गोदी मीडिया का मुहावरा एक गाली का रूप ले चुका …

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चुनाव समाप्ति से पहले ही उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी

संजय भटनागर लोक सभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होने से पहले ही उत्तर प्रदेश में नयी सरकार के गठन की सरगर्मियां शुरू हो गयीं। उत्तर प्रदेश ही क्यों? ज़ाहिर है केंद्र में किसी भी सरकार का रास्ता इसी प्रदेश से हो कर गुज़रता है। एक तो लोकसभा में …

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ऐतिहासिक शुक्रवार क्या चला पायेगा पुराना जादू!

उत्कर्ष सिन्हा 2019 के अप्रैल का तीसरा शुक्रवार उत्तर प्रदेश की राजनीति के इतिहास में अपनी जगह बना चुका है और मैनपुरी इसका गवाह बना है। 24 साल तक एक दूसरे का चेहरा न देखने वाले पिछडो के नेता मुलायम सिंह और दलितों की रानी मायावती का एक मंच पर …

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M फैक्टर चलेगा तभी Y फैक्टर बढ़ेगा !

मोहम्मद कामरान  राजनीति है तो तिकड़म होगी, तिकड़म करनी है तो तीन तेरह का गुणा भाग भी करना होगा और बात हिंदुस्तान की चुनावी सरगर्मियों की होगी तो तेरह नंबर का फैक्टर ही चुनाव पर भारी होगा, अंग्रेज़ी वर्णमाला के 13 वें पायदान पर आता है M और हिंदुस्तान की …

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 मेरठ का बदलता सियासी मिजाज: 1857 बनाम आज

उत्कर्ष सिन्हा  1857 के गदर की जमीन थी मेरठ , मंगल पांडेय ने यहीं पर बगावत की थी।  मसला कारतूसों की चर्बी का था।  सवाल हिन्दू मुसलमान दोनों का  था।   गाय और सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने  दोनों समुदायों को आहत किया था।  तो दोनों साथ मिल कर अंग्रेज …

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राष्ट्रवाद के समकालीन भारतीय सन्दर्भ

श्रीश पाठक जैसे मनोविज्ञान के लिए मन, अर्थशास्त्र के अर्थ, भौतिकी के लिए पदार्थ, भूगोल के लिए पृथ्वी और समाजशास्त्र के लिए समाज सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, वैसे ही राजनीति शास्त्र के लिए राज्य की संकल्पना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एवं सर्वांगीण विकास के …

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