Sunday - 21 January 2024 - 11:04 PM

Tag Archives: धर्म

या मौत का जश्न मनाना चाहिए?

रफ़त फातिमा जब दौलत, धर्म और स्टेटस ही रिश्तों के मापदण्ड हों तो कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं जिनसे रूह तक काँप जाती है। अक्सर हालात में प्रेमी-प्रेमिका को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है तो कभी समाज और परिवार “इज़्ज़त” के लिये हत्या (honour killing) करता …

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लव जेहाद के मुद्दे पर नुसरत जहाँ ने बीजेपी को ये क्या कह दिया

जुबिली न्यूज़ डेस्क नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस की सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने लव जेहाद पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि प्यार बहुत ही निजी चीज़ होती है. प्यार और जेहाद एक साथ नहीं चलते हैं. नुसरत जहाँ ने कहा है कि चुनाव से ठीक पहले …

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मुकेश अंबानी ने AGM में किए ये बड़े ऐलान

जुबिली न्यूज़ डेस्क नई दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में सोशल मीडिया की दिग्गज गूगल 33737 करोड़ रुपये का निवेश कर 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। आरआईएल के अध्यक्ष-प्रबंध निदेशक अंबानी ने कंपनी की 43वीं वार्षिक आम बैठक में बुधवार को इसकी घोषणा की। रिलायंस इंडस्ट्री …

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‘अल्लाह मेहरबान, तो गधा पहलवान’

अविनाश भदौरिया ‘अल्लाह मेहरबान, तो गधा पहलवान’ ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। कहावत के अर्थ को भी भली भांति समझते ही होंगे। नहीं समझते तो समझ लीजिए कहावत का अर्थ है कि, अगर अल्लाह यानी कि भगवान की कृपा हो तो कमजोर व्यक्ति भी शक्तिशाली हो जाता है। …

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डंके की चोट पर : सीएए से उपजी हिंसा के मायने

शबाहत हुसैन विजेता नागरिक संशोधन एक्ट के संसद से पास होते ही देश के विभिन्न इलाकों में गुस्से का उबाल दिखाई देने लगा। सड़कों पर जनसमुद्र उमड़ पड़ा। सरकार के खिलाफ नारेबाजी से शुरु हुआ हंगामा पथराव और तोड़फोड़ तक जा पहुंचा। नागरिक और पुलिस के बीच संघर्ष छिड़ गया। …

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ये डर की सियासत है या सियासत का डर

कुमार भवेश चंद्र   मरना ही मुकद्दर है तो फिर लड़ के मरेंगे, खामोशी से मर जाना मुनासिब नहीं होगा। जिस वक्त लखनऊ जल रहा था..संभल में आग धधक रही थी…यूपी के कई शहर तप रहे थे। मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने ये ट्विट कर अपने दिल की बात रखी …

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पहचानो, देशद्रोही तो सामने है

शबाहत हुसैन विजेता राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (nacc) ने जुलाई 2012 में जेएनयू को देश का सबसे अच्छा विश्विद्यालय माना था। सिर्फ 7 साल में यह देशद्रोहियों का विश्वविद्यालय बन गया। Nacc से भी ज़्यादा काबिल लोगों ने इस विश्वविद्यालय को बंद कराने की सिफारिशें शुरू कर दी हैं। …

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संस्कृत को खतरा फिरोज खान से नहीं “पाखंडियों” से

राजीव ओझा बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर बेवजह का विवाद खड़ा हो गया है। यहाँ हिन्दू आचरण की बात करने वालों की आँखों पर अज्ञानता की पट्टी बंधी है। नियुक्ति को लेकर गतिरोध जारी है और बीएचयू प्रशासन ने …

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कबीर के मगहर के मायने

डा. मनीष पांडेय मध्यकालीन दौर के विख्यात जनकवि और दार्शनिक महात्मा कबीर के नाम पर बनाये गए जिले संत कबीर नगर का मगहर क़स्बा कबीर का पर्याय होने के साथ कहीं न कहीं तथागत बुद्ध और महायोगी योगी गोरख के पदचिन्हों का भी गवाह है| ध्यान दिया जाए तो इसके …

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सुनामी में घास: चुनावी गणित में प्रबंधन बनाम प्रशासन

डा. श्रीश पाठक भारतीय जनता पार्टी की इतनी शानदार जीत ऐतिहासिक है, यहाँ से भारतीय आम चुनाव एक नए विमर्श प्रतिमानों के साथ याद किये जायेंगे l इस जीत के लिए इन्हीं आंकड़ों के साथ कोई आश्वस्त था, यह कहना निरी मुर्खता होगी और कुछ सरलीकरण भी चुनाव पश्चात् प्रचलित …

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