जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। अदालत ने उनकी सार्वजनिक माफ़ी को नकारते हुए कहा कि यह केवल कानूनी प्रक्रिया से बचने का प्रयास है और ऐसी “मगरमच्छ के आंसू” वाली माफी स्वीकार नहीं की जाएगी।
“वीडियो मंगवाया है, देखना है क्या वाकई माफी थी” — सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सोमवार (19 मई) को सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह के बयान की गंभीरता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:“हमने आपका वीडियो मंगवाया है। देखना है आपने माफी कैसे मांगी। कई बार लोग मगरमच्छ के आंसू बहाकर कार्रवाई से बचने की कोशिश करते हैं।”
माफी अस्वीकार: “सेना का सम्मान करना आपकी जिम्मेदारी थी”
अदालत ने साफ किया कि विजय शाह का बयान पद की गरिमा के खिलाफ था और उनके व्यवहार से राजनेताओं की ज़िम्मेदारी पर सवाल उठते हैं।“आपने घटिया भाषा का इस्तेमाल किया… सेना के सम्मान से जुड़े मुद्दे पर आपको ज्यादा जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी।”
माफी वीडियो को लेकर उठे सवाल
विजय शाह ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने एक वीडियो जारी कर माफ़ी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने उसे ‘पाखंडी प्रयास’ मानते हुए अस्वीकार कर दिया।“आप अब माफी मांग रहे हैं क्योंकि कोर्ट में खड़े हैं। पहले क्यों नहीं जताया खेद? ये ईमानदारी नहीं है।”
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“फिर बाहर जाकर कहेंगे कोर्ट ने माफ़ी मंगवाई” – कोर्ट की नाराज़गी बेंच ने आगे कहा कि यदि ये माफ़ी सच्चे मन से होती, तो उसमें “अगर-मगर” नहीं होता।“आपके बयान को कई दिन हो गए… जनता में नाराज़गी फैली… अब माफी मांगना दिखावा लगता है।”