जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: पाकिस्तान को एक बार फिर अपनी हरकतों की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। श्रीलंका ने भारत की आपत्ति के बाद पाकिस्तान के साथ होने वाले सैन्य अभ्यास को रद्द कर दिया है। यह अभ्यास श्रीलंका के रणनीतिक रूप से अहम त्रिंकोमाली तट पर प्रस्तावित था, लेकिन भारत की नाराजगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल के बाद कोलंबो ने कदम पीछे खींच लिए।

त्रिंकोमाली बना विवाद का केंद्र
त्रिंकोमाली वही स्थान है जहां हाल ही में भारत, श्रीलंका और यूएई के बीच ऊर्जा परियोजना को लेकर त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। भारत नहीं चाहता कि इस रणनीतिक परियोजना के समीप पाकिस्तान की मौजूदगी हो। इसी चिंता को देखते हुए भारत ने श्रीलंका से अपनी असहमति जताई और नतीजा यह रहा कि श्रीलंका ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करने से इनकार कर दिया।
मोदी-दिसानायके वार्ता का असर
5 अप्रैल को पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके से रक्षा और रणनीतिक सहयोग पर गहन चर्चा हुई थी। इसी वार्ता में भारत ने पाकिस्तान के साथ प्रस्तावित अभ्यास पर चिंता जताई थी। इसके बाद श्रीलंकाई सरकार ने यह योजना पूरी तरह रद्द कर दी।
पाकिस्तान का विरोध, लेकिन कोई असर नहीं
जब श्रीलंका ने अभ्यास रद्द करने का फैसला लिया तो पाकिस्तान ने कूटनीतिक विरोध जताया, लेकिन श्रीलंका ने अपना रुख नहीं बदला। पाकिस्तानी अधिकारी चाहकर भी कोई असर डालने में नाकाम रहे।
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पाकिस्तान के पुराने संपर्कों की याद
हालांकि इससे पहले फरवरी-मार्च में पाकिस्तानी नौसेना का जहाज PNS असलात कोलंबो बंदरगाह आया था और श्रीलंकाई नौसेना के साथ “पासेक्स” अभ्यास में हिस्सा लिया था। मगर अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।
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