Thursday - 1 August 2024 - 3:03 PM

विश्व मलेरिया दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य, जो आएंगे आपके काम

न्यूज़ डेस्क

हर साल, विश्व मलेरिया दिवस एक विशेष विषय पर केंद्रित होता है। इस साल 2019 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम है-“ जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी”। जिसका तात्पर्य है स्वयं को मलेरिया से मुक्त रखने की शुरुआत।

इसका मतलब है कि मलेरिया को खत्म करने के लिए सभी व्यक्तियों को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए और इसकी शुरुआत वो अपने से करें। यानी पहले अपने आसपास इस बीमारी के खतरे को कम करके आगे बढ़े।

क्या आप मच्छरों के बारे में सब कुछ जानते है? अगर हां तो आपको इन आंकड़ों के बारे में भी पता होगा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार 2013 में 19 करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा लोगों में मलेरिया के लक्षण पाए गए है और इस बीमारी ने 5 लाख 84 हजार लोगों की जान ले ली। मरने वालों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत बच्चे थे, जिनकी आयु 5 साल से कम थी।

आइए जानें ऐसे ही कुछ रोचक तथ्यों के बारे में …

  • वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन हर साल 25 अप्रैल को मलेरिया जैसे गंभीर बीमारी पर काबू पाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत 25 अप्रैल 2008 को हुई है जिसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है।
  • मलेरिया हैं क्या? मलेरिया मच्छरों से फैलने वाली एक ऐसी बीमारी है जो मानव शरीर के सम्पर्क में आते ही इंसान को बहुत तेज भुखार (पसीना, ठंड और कँपकँपी, सिरदर्द, माँसपेशियों में दर्द, थकान, जी मचलना, उल्टी, दस्त) आने लगता है, यदि समय पर इसका सही इलाज नहीं किया जाता है तो मानव को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
  • मलेरिया की तरह डेंगू भी मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है जो अधिकतर बरसात के मौसम में होती है डेंगू के मच्छर अक्सर सूर्यास्त होने के बाद ही इंसानों को अपना निशाना बनाते है।
  • आप में से बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि केवल मादा मच्छर ही इंसान को काटती है जबकि नर मच्छर कभी नहीं काटता, मादा मच्छर को अंडे पैदा करने के लिए प्रोटीन की जरुरत होती है इसलिए खून चूसती है।
  • मादा मच्छर एक बार खून चूसने के बाद लगभग 2 दिन तक आराम करते हैं। मादा मच्छर एक बार में करीब 300 से ज्यादा अंडे देती है, अंडे से निकलने के बाद मच्छर अपने शुरुआती 10 दिन पानी में ही बिताते हैं।

मलेरिया कैसे फैलता है ?

  • मलेरिया एक परजीवी रोगाणु से होता है, जिसे हम प्लाज्मोडियम कहते हैं। यह रोगाणु एनोफ़ेलीज़ जाति के मादा मच्छर में होते हैं और जब यह मादा मच्छर किसी व्यक्‍ति को काटती है, तो उसके खून की नली में मलेरिया के रोगाणु फैल जाते हैं।
  • यह रोगाणु व्यक्‍ति के कलेजे की कोशिकाओं तक पहुँचते हैं और वहां उनकी गिनती बढ़ती जाती है।
  • रोगाणुओं का लाल रक्‍त कोशिकाओं पर हमला करने और कोशिकाओं के फटने का सिलसिला जारी रहता है। मलेरिया का मुख्य लक्षण ही लाल रक्‍त कोशिकाओं पर हमला और कोशिकाओं के फटना होता हैं।

मलेरिया से बचाव कैसे कर सकते हैं ?

  • मच्छरदानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि उस पर मच्छर मारनेवाली दवा लगी हो। उसमें कोई छेद न हो और वह कहीं से फटी न हो।
  • घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवाई छिड़कें।
  • घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएँ और एसी और पंखों का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर एक जगह पर न बैठें।
  • अगर हो सके तो हल्के रंग के कपड़े पहने जिससे आपका शरीर पूरी तरह ढका हो।
  • ऐसी जगह पर मत जाइए, जहाँ झाड़ियाँ हों क्योंकि वहाँ बहुत मच्छर होते हैं, या जहाँ पानी इकट्ठा हो क्योंकि वहाँ मच्छर पनपने का खतरा होता है।
  • अगर आपको मलेरिया हो गया है, तो फ़ौरन इलाज करवाएं।
Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com