सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर जूनियर विश्व कप हॉकी की मेजबानी कर सकता है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने पिछले साल जूनियर विश्व कप की मेजबानी का जिम्मा भारत को सौंपा है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि लखनऊ एक बार फिर जूनियर विश्व कप की मेजबानी करता नजर आ सकता है। बता दें कि इस साल 24 नवम्बर से पांच दिसम्बर के बीच आयोजित किया जाना है।
हालांकि लखनऊ जूनियर विश्व कप की मेजबानी इससे पहले साल 2016 में कर चुका है लेकिन वो इस बार भी मेजबानी की दौड़ में शामिल है लेकिन उसे छत्तीसगढ़ से भी कड़ी टक्कर मिल रही है।
दरअसल जब से अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने जूनियर विश्व कप की मेजबानी भारत को सौंपी है तब से छत्तीसगढ़ ने इसकी मेजबानी की दिलचस्पी दिखायी है। इसको लेकर इस बाबत एफआईएच के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर बत्रा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी उनकी मुलाकात पहले ही हो चुकी है।
माना जा रहा है रायपुर में जूनियर विश्व कप की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा है लेकिन अब राजधानी लखनऊ भी एक बार फिर इसकी मेजबानी करने का तगड़े दावेदार बताया जा रहा है।
जानकारी मिल रही है कि विजयंत खंड स्थित हॉकी स्टेडियम में इस बार जूनियर विश्व कप हॉकी का आयोजन हो सकता है। उधर पता तो यह भी चल रहा है कि आयोजन स्थल की तलाश में हॉकी इंडिया का दो सदस्यीय दल भी लखनऊ पहुंचकर यहां का दौरा भी कर चुकी है।
हालांकि इसको लेकर यूपी हॉकी की तरफ से अभी कोई ठोस जवाब नहीं आया है। विजयंत खंड स्थित हॉकी स्टेडियम से जुड़े एक सूत्र ने
जुबिली पोस्ट को केवल इतना बताया है कि शनिवार को यहां पर हॉकी इंडिया के दो सदस्य की टीम ने दौरा किया था।
बताया जा रहा है कि हॉकी इंडिया के इन सदस्यों में आरके श्रीवास्तव और उनके साथ विक्रम मौजूद थे। इन लोगों ने यहां का दौरा कर स्टेडियम की क्षमता को भी बढ़ाने का निर्देश दिया है। है। जूनियर विश्व कप को देखते हुए स्टेडियम की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक टर्फ गोमती नगर के विजयंत खंड स्टेडियम में बिछी हुई है। यहां पर भी फल्ड लाइट की व्यवस्था की गई है।
कोरोना को देखते हुए जूनियर विश्व कप की मेजबानी करना एक चुनौती हो सकता है। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि हॉकी इंडिया कोरोना की गाइड लाइन के हिसाब से टूर्नामेंट कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह देखना होगा कोरोना काल में दर्शकों को एंटी दी जाती है या नहीं।
वहीं पूर्व ओलम्पिक सुजीत कुमार ने जुबिली पोस्ट से बातचीत में कहा अगर एक बार फिर लखनऊ में जूनियर विश्व कप आयोजित होता है तो इससे बेहतर हॉकी के लिए क्या हो सकता है।
हालांकि उन्होंने कहा कि हॉकी को अगर अन्य शहरों में बढ़ावा देना है तो क्रिकेट की तरह बड़े टूर्नामेंंट के मैचों का आयोजन अन्य शहरों में हो तो और अच्छा रहेगा लेकिन उन्होंने कहा कि जूनियर विश्व कप की मेजबानी मिलना उत्तर प्रदेश की हॉकी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि हाल में भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलम्पिक में पदक जीता है।
सुजीत कुमार ने कहा कि उसके बात से ही हॉकी को लेकर लोगों में सोच बदली है। इतना ही नहीं एक बार फिर राष्ट्रीय खेल को लेकर फिर से युवाओं में अब उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसे में अगर जूनियर विश्व कप की मेजबानी एक बार फिर लखनऊ करता है तो यहां के खेल प्रेमियों के लिए बड़ी सौगात हो सकती है।
यह दूसरी बार है जब भारत इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा। इससे पहले 2016 में भी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में इस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था और तब भारत चैंपियन बना था।
मौजूदा चैंपियन भारत लगातार दूसरी बार जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करेगा। भारत ने पिछली बार 2016 में लखनऊ में हरजीत सिह की कप्तानी में फाइनल में बेल्जियम को 2-1 से हराकर जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जीता था।
जूनियर पुरुष विश्व कप में 16 टीमें खिताब के लिए चुनौती पेश करेंगी जिसमें छह यूरोप, मेजबान भारत सहित चार एशिया, दो अफ्रीका, दो ओसियाना और दो अमेरिका से होंगी।
इन 16 टीमों में से छह यूरोपीय टीमें भारत में होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुकी हैं। इनमें जर्मनी, इंग्लैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बेल्जियम और फ्रांस शामिल हैं।
इन्होंने यूरोपीय महाद्वीपीय चैंपियनशिप के जरिए क्वालीफाई किया है जो 2019 में खेली गई। भारत ने 2016 में लखनऊ में फाइनल में बेल्जियम को 2-1 से हराकर खिताब जीता था। यह भारत का दूसरा एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप खिताब था।