Sunday - 7 January 2024 - 12:02 AM

तो क्या राजस्थान में वहीं होने जा रहा है जो मार्च में एमपी में हुआ था?

  • राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट हुए बागी
  •  संकट में अशोक गहलोत सरकार

जुबिली न्यूज डेस्क

तो क्या अब राजस्थान में भी वहीं होने जा रहा है जो मध्य प्रदेश में मार्च के महीने में हुआ था? यह सवाल इसलिए क्योंकि शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वो उनकी सरकार गिराने में लगी हुई है।

दरअसल अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट हो गई है। जैसे कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ बनाम ज्योतिरादित्य सिंधिया हो गई थी और वहां की सरकार से कांग्रेस को हाथ धोना पड़ा था।

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राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार संकट में है। सत्ताधारी कांग्रेस के दो धड़ों में खींचतान के कारण सरकार पर संकट पैदा होता दिख रहा है। बीते दो दिनों में मुख्यमंत्री गहलोत से मतभेद बढऩे के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने नजदीकी विधायकों के साथ दिल्ली का रुख किया है।

इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह सचिन भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। आज कांग्रेस  कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी सचिन पायलट शामिल नहीं होंगे।

सचिन ने कहा है कि उनके साथ कांग्रेस के 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है। सचिन पायलट अभी दिल्ली में हैं और राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने जा रही है।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है। कांग्रेस का कहना है कि अशोक गहलोत के साथ 109 विधायकों का समर्थन है।

सचिन के कदम को लेकर कांग्रेस ने भले ही अब तक कुछ नहीं कहा है लेकिन बिना नाम लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इशारों में बहुत कुछ कह दिया है।

किसी संदर्भ का उल्लेख किए बिना सिब्बल ने ट्वीट किया है, “अपनी पार्टी को लेकर चिंतित हूं। क्या हम तब जागेंगे जब हमारे अस्तबल से घोड़े निकाल लिए जाएंगे। ”

मालूम हो कि राजस्थान में दिसंबर, 2018 में चुनाव जीतने के साथ ही कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट आमने-सामने आ गए थे।

हालांकि तब अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद दोनों के बीच कुर्सी को लेकर खींचतान समाप्त हो गई थी लेकिन अब करीब डेढ़ साल बाद एक बार फिर से राजस्थान कांग्रेस में इन दोनों शीर्ष नेताओं की बीच तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है।

राजस्थान में भी वही होता दिख रहा है जो मार्च महीने में मध्य प्रदेश में हुआ था। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री की कुर्सी और दूसरे मसलों को लेकर खींचतान चल रहा था। आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया और मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी।

राजस्थान के घटनाक्रम पर भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर सचिन पायलट के प्रति अपना समर्थन जताया है। उन्होंने ट्वीट कह कहा, “अपने पुराने सहयोगी सचिन पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दरकिनार और  सताए जाने को लेकर दु:खी हूं। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और काबिलियत के लिए बहुत कम जगह है। ”

कांग्रेस छोड़ेंगे सचिन पायलट?

क्या वाकई सचिन पायलट ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चलने वाले हैं? इस पर वरिष्ठï पत्रकार सुरेन्द्र दुबे कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि पायलट पार्टी छोड़ेंगे। हालांकि वो पार्टी में घुटन होने की बात कहते रहे हैं और साथ में पार्टी के पुनरुत्थान की भी बात करते रहे हैं।”

वो कहते हैं, “अभी यह साफ नहीं है कि क्या होने वाला है। सचिन दिल्ली में हैं और हाईकमान से मुलाकात होने की बात हो रही है। लेकिन राजस्थान पुलिस ने जिस तरह से अपने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ नोटिस दिया गया है, उससे साफ संकेत गया है कि ये हद हो गई है और पानी सिर से गुजर गया है। यह तनाव तो काफी लंबे समय से चल रहा है। ”

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