Sunday - 7 January 2024 - 6:05 AM

सिंधिया से मिले पायलट, गहलोत सरकार पर संकट गहराया

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार पर भी मध्य प्रदेश वाला संकट ही हावी हो गया है. मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने में गहलोत सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट का सहारा लिया जा रहा है. सचिन पायलट ने मध्य प्रदेश की सरकार गिराने के सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मुलाक़ात की है.

सचिन पायलट के साथ उनके समर्थक 15 विधायक भी दिल्ली पहुँच चुके हैं. हालांकि सचिन पायलट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात का वक्त माँगा है. सारी परिस्थितियां इसी बात पर निर्भर करती हैं कि सचिन पायलट और सोनिया गांधी की मुलाक़ात होती है या नहीं.

बताया जाता है कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त का मुद्दा बड़े जोर शोर से उठा था. इसकी जांच शुरू हो गई थी. राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशनल ग्रुप (एसओजी) ने इस संदर्भ में पूछताछ के लिए डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थकों को तलब किया था, लेकिन एसओजी से मुलाक़ात के बजाय वह 15 विधायकों के साथ पायलट दिल्ली चले गए.

राजस्थान विधानसभा में सचिन पायलट के समर्थन में कांग्रेस के 16 और निर्दलीय तीन विधायक हैं. यह 19 विधायक अगर गहलोत सरकार के खिलाफ खड़े हो जाते हैं तो सरकार का बच पाना मुश्किल हो जाएगा. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के भी कई विधायक लगातार सचिन पायलट के सम्पर्क में बने हुए हैं.

राजस्थान की गहलोत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप के बाद एक तरफ एसओजी जांच में लगी है वहीं दूसरी तरफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है. राजस्थान में यह पहली बार हुआ है कि खरीद फरोख्त मामले में तीन निर्दलीय विधायकों (महुआ से विधायक ओमप्रकाश हुडला, अजमेर के किशनगढ़ से विधायक सुरेश टांक और पाली मारवाड़ जंक्शन से विधायक खुशबीर सिंह) के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.

सरकार पर संकट को देखते हुए कांग्रेस ने अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को जयपुर बुलाया है. सीएम अशोक गहलोत के साथ होने वाली इस बैठक में सभी विधायकों को तलब किया गया है. कांग्रेस नेतृत्व के बुलावे पर कुछ विधायक वापस भी लौट गए हैं मगर सचिन पायलट के ख़ास समर्थक विधायक गुडगाँव के आईटीसी ग्रैंड होटल में पायलट के साथ ठहरे हुए हैं. इनका कहना है कि वह सोनिया गांधी से मुलाक़ात के बगैर जयपुर नहीं लौटेंगे.

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राजस्थान विधानसभा में 200 सीटों में से कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 सीटें हैं. 13 विधायक निर्दलीय हैं. कांग्रेस के 16 और निर्दलीयों में से 3 सचिन पायलट के साथ हैं. ज़ाहिर है कि अगर यह संख्या अशोक गहलोत से अलग होती है तो सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा.

बीजेपी लगातार सचिन पायलट के पक्ष में माहौल बनाकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खाई को बढ़ाती जा रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया यह ट्वीट भी कर चुके हैं कि सचिन पायलट की काबलियत को सरकार दरकिनार कर रही है. दिल्ली में पायलट और सिंधिया की मुलाक़ात भी यह बताती है कि दोनों के बीच खिचड़ी पाक रही है.

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