Wednesday - 10 January 2024 - 8:19 PM

नहीं रहे Shane Warne : उस गेंद ने वॉर्न की जिंदगी बदल कर रख दी थी….

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

22 गज की पिच पर जब उसकी गेंदे घूमती थी तो बल्लेबाजों को भी चक्कर आ जाता था… दुनिया उसकी जादूगरी की हमेशा कायल रही है…अपनी गेंदबाजी के बदौलत मैच का पासा पलटने की कूवत रखता था वो गेंदबाज… इतिहास में उसकी स्वर्णिम सफलता भी इस बात की गवाही देती है… लेकिन अफसोस स्पिन का जादूगर शेन वार्न अब हमारे बीच नहीं है… बस केवल अब उनकी यादे हमारे साथ है…उनकी करिश्मायी गेंदों के सहारे कंगारुओं ने सालों विश्व क्रिकेट पर राज किया है। वार्न की फिरकी के आगे दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज सहम जाते थे।

‘बॉल ऑफ़ दि सेंचुरी’

क्रिकेट इतिहास में 4 जून, 1993 कौन भूल सकता है। दरअसल इस दिन क्रिकेट इतिहास में एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला था जब करोड़ो लोगों ने खुद अपनी आंखों से देखा था और कोई भी विश्वास नहीं कर पा रहा था कि आखिर मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर शेन वार्न ने कौन सी गेंद डाली थी जिसपर दिग्गज बल्लेबाज माइक गेटिंग चारों खाने चित हो गए थे।

शेन वॉर्न की इस गेंद ने लगभग 90 डिग्री का टर्न लिया था और इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज माइक गेटिंग का ऑफ स्टंप उड़ गया था। इस गेंद को क्रिकेट इतिहास में बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा गया और ये गेंद लगभग 90 डिग्री का टर्न ली थी।

वार्न ने 1993 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट क्रिकेट की अपनी पहली गेंद से माइक गैटिंग को पैरों के बीच से गेंद निकालकर आउट किया था। वार्न की इस गेंद को ‘बॉल ऑफ़ दि सेंचुरी’ कहा जाता है।

पूरा क्रिकेट जगत डूबा शोक में

बताया जा रहा है कि दुनिया के दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न की हार्ट अटैक से मौत हुई है। फॉक्स क्रिकेट ने सबसे पहले उनके निधन की सूचना ट्वीटर पर दी है। शेन वॉर्न का निधन दिल का दौरा पडऩे से हुआ है। उनके निधन की खबर से पूरा क्रिकेट जगत शोक में डूब गया है। वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 708 विकेट चटकाए थे। उनके नाम वनडै में 194 मैचों में 293 विकेट दर्ज है।

90 के दशक में तूती बोलती थी

90 के दशक में अनिल कुंबले, मुथैया मुरलीधरन और शेन वार्न ये तीन ऐसे नाम थे जिनकी गेंदबाजी पूरे विश्व क्रिकेट में चर्चा का विषय हुआ करती थी। ये तीनों स्पिनर के जादूगर कहलाते है और कहा जाता है कि तीनों ही गेंद को किसी भी सतह पर स्पिन कराने का माद्दा रखते थे। ऐसे में देखा जाये तो 90 के दशक में शेन वार्न की तूती बोलती थी।

कुंबले ने 1990 से 2008 तक भारत के लिए खेले 132 टेस्ट मैचों में कुल 619 विकेट लिए। श्रीलंकाई दिग्गज मुरलीधरन 133 मैचों में 800 विकेट लेकर इस सूची में पहले नबंर पर हैं। 145 मैचों में 708 विकेट के साथ वार्न दूसरे स्थान पर काबिज हैं। ये शेन वार्न ही थे जिन्होंने आईपीएल के पहले सत्र में राजस्थान रॉयल्स जैसी कमजोर टीम को रातों-रात शिखर पर पहुंचा दिया था और अपनी कप्तानी में आईपीएल खिताब दिलाया था।

 

 

 

 

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