Monday - 15 January 2024 - 2:08 PM

अब सामने आया कोरोना टेस्ट खरीद में करोड़ों का घोटाला

जुबिली न्यूज ब्यूरो

ऐसा लगता है कि चिकित्सा विभाग में मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिये कोरोना की महामारी ने पैसा बनाने के लिये बडा अवसर बन गया है।

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन मेडिकल कालेज मेरठ की कोरोना टेस्ट किट खरीद में बड़ा घोटाला करने का ताजा मामला सामने आया है।

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्र संख्या एम ई/परचेज/कोविड-19/2020/485 दिनांक 21-05-2020 कोरोना महामारी के उपचार और रोकथाम के लिये मेरठ मेडिकल कालेज मेरठ को Automated Nucleic Acid Extraction System(96 well) Make : Genetix एवं इस उपकरण के प्रयोगार्थ 139 के क्रय हेतु शासन के आदेश पर 1,10,03,008 की किट के भुगतान के लिये कोविड केयर फण्ड से स्वीक‌ति मिली। लेकिन 330 किट का क्रय आदेश दे दिया गया ।

शासन की अनुशंसा पर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्र संख्या एम.ई./परचेज/कोविड-19/963दिनांक 07.08.2020 के द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में जेनेटिक्स बायोटेक एशिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को कोविड केयर फण्ड कमेटी ने  36,249.60 (कर सहित) प्रति किट की दर से क्रय करने की मेडिकल कालेज को स्वीकृति दे दी ।

जेनेटिक्स बायोटेक एशिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली से मेडिकल कालेज मेरठ के प्राचार्य ने क्रय आदेश सं 5468 दिनांक 27 जून को  330 किट खरीदने का आदेश हुआ जिसके लिए 43200 रुपये और जीएसटी यानी कुल मिलाकर रू. 1,68,22,080 का भुगतान किया जाना था ।

इसके बाद 11 सितंबर को मेरठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने क्रय आदेश सं 6741 से इसी किट के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर कोटेशन के आधार पर प्रति किट रुपये 36,249(GST सहित) की दर पर 330 किट के लिये रू 1,19,62,368 का आदेश दिया गया।

शासन का आदेश है कि हर सामग्री जेम पोर्टल पर ही खरीदी जायेगी और यदि जेम पोर्टल पर यह उपलब्ध नहीं है तब महामारी काल के दौरान अन्य कोई तरीका अपनाया जायेगा।

जेम पर जेनेटिक्स बायोटेक एशिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने  इसी किट की अधिकतम खुदरा मूल्य(MRP) 290 रूपये और जेम पर खरीद दर 189.00 प्रति टेस्ट अंकित है।

अगर जेम की दरों की तुलना में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कालेज, मेरठ  के द्वारा खरीदी गई सामग्री में अंतर देखें तो कुल 1 करोड़,42लाख,43 हजार 011 का अधिक भुगतान किया गया।

इस पूरे प्रकरण में कई सवाल हैं। सवाल यह है की एक ही कंपनी ने जेम पोर्टल पर जो दर दी हुई है उसकी जगह ज्यादा मूल्य पर खरीदारी क्यों की गई ? सवाल ये भी है की जब जेम से ही खरीदने का आदेश शासन द्वारा दिया गया है तो फिर शासन के वही जिम्मेदार लोग आखिर किन वजहों से अलग से टेंडर किया गया और खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com