न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जो 59 याचिकाएं दायर की गई हैं, उनको लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है। वहीं याचिका दायर करने वाले वकीलों की मांग है कि तबतक नागरिकता संशोधन एक्ट पर स्टे लगा दिया जाए, हालांकि इस मांग को ठुकरा दिया गया है।
CJI Bobde calls Attorney General (AG) KK Venugopal & says there is “unusual request” from lawyer Ashwini Upadhyay who says he visited Jamia & people don’t know about the Act, can you publicise the Citizenship Amendment Act? AG says “government authorities can publish the Act”. https://t.co/ljeFLPSKzc
— ANI (@ANI) December 18, 2019
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 को लागू करने पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कोर्ट का कहना है कि वह जनवरी में याचिका पर सुनवाई करेगा। 22 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कानून पर रोक लगाने की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देखना होगा कि कानून पर रोक लगाई जा सकती है या नहीं।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। इसके तहत तीनों देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, बौद्ध और क्रिश्चन समुदाय के ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे।
दूसरी ओर जामिया हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक आसिफ खान का आरोप है कि पुलिस ने उनको फंसाया है। उन्होंने कहा कि मेरा वीडियो वायरल होने के बाद वो मुझे दंगाई में दिखा रहे हैं। पुलिस हिंसा की कसूरवार है। मैंने तो शांति बनवाई। आज दोपहर 2 बजे जामिया थाने में आत्मसमर्पण करूंगा। अगर मैं दंगाई हूं तो घर कैसे बैठा हूं। पुलिस मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती।