Saturday - 13 January 2024 - 1:56 AM

RBI दे सकता है कर्ज धारकों को राहत

मुंबई। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) दो महीने बाद लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। वैश्विक आर्थिक सुस्ती और खासतौर पर अमेरिका में स्लोडाउन और इमर्जिंग मार्केट्स के उस पर संभावित असर की वजह से आरबीआई कर्ज सस्ता कर सकता है।

26 मार्केट पार्टिसिपेंट्स का सर्वे किया, जिसमें ज्यादातर ने रेपो रेट में 0.25 पर्सेंट की कटौती का अनुमान लगाया है। इसी रेट पर बैंक शॉर्ट टर्म के लिए आरबीआई से उधार लेते हैं। रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक समीक्षा गुरुवार तक पूरी करेगा। अभी रेपो रेट 6.25 पर्सेंट है।

इंडसइंड बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट गौरव कपूर ने कहा, ‘अभी दुनिया भर में इकनॉमिक ग्रोथ में कमी के संकेत मिल रहे हैं। इसी वजह से कच्चे तेल की कीमत भी घटी है।’ उन्होंने कहा कि इसलिए अगले कुछ महीनों में महंगाई दर का दबाव नहीं बढ़ेगा।

ऐसे में रिजर्व बैंक के लिए कर्ज सस्ता करने की गुंजाइश बनी है। उन्होंने कहा कि रेट कट का फायदा ग्राहकों को दिलाने पर भी आरबीआई की नजर रहेगी। वह इसके लिए बैंकिंग सिस्टम में कैश की सप्लाई भी बढ़ा सकता है।

आदित्य बिड़ला म्यूचुअल फंड सहित दो पार्टिसिपेंट्स का कहना कि इस हफ्ते रिजर्व बैंक दरों में कटौती नहीं करेगा। इससे पहले फरवरी की द्वैमासिक समीक्षा में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 पर्सेंट की कटौती की थी।

मार्च में ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 पर्सेंट से घटाकर 7.2 पर्सेंट कर दिया था। वित्त वर्ष 2020 के अनुमान को भी उसने पहले के 7 पर्सेंट से कम करके 6.8 पर्सेंट कर दिया है। वहीं, दिसंबर 2018 के क्वाटर्र में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 पर्सेंट थी।

डीबीएस बैंक की इकनॉमिस्ट राधिका राव ने बताया, ‘इकनॉमिक एक्टिविटी सुस्त पड़ गई है। कंजम्पशन और नॉन- फूड क्रेडिट से भी इसका पता चल रहा है।’ उन्होंने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) फरवरी के बाद अप्रैल में भी ब्याज दरों में कटौती करेगी।

फरवरी की समीक्षा में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019- 20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.4 पर्सेंट रहने का अनुमान लगाया था। वहीं, वित्त वर्ष 2019 की आखिरी तिमाही में उसने कंज्यूमर इन्फ्लेशन का अनुमान 2.8 पर्सेंट रखा था, जिसके लिए पहले उसने 2.7- 3.2 पर्सेंट का अनुमान लगाया था। वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में उसने महंगाई दर 3.2-3.4 पर्सेंट रहने की बात कही है।

जबकि सर्वे में 25 पर्सेंट पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि एमपीसी न्यूट्रल पॉलिसी रुख बनाए रखेगी। न्यूट्रल रुख रहने पर आरबीआई हालात को देखते हुए रेट में बढ़ोतरी या उसमें कटौती कर सकता है। कई जानकारों का कहना है कि सरकार के खर्च बढ़ाने और पैदावार को लेकर अनिश्चितता के कारण महंगाई दर का जोखिम बना हुआ है।

हालांकि, इस साल फरवरी में कंज्यूमर इन्फ्लेशन 2.57 पर्सेंट और जनवरी में 1.97 पर्सेंट रही, जो आरबीआई के 4 पर्सेंट के मीडियम टर्म टारगेट से काफी कम है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com