Saturday - 13 January 2024 - 1:10 AM

पहले ही दिन किस रणनीति से योगी के गढ़ में उतरे रवि किशन

मल्लिका दूबे
गोरखपुर। फिल्मों के मझे कलाकार रवि किशन बतौर बीजेपी प्रत्याशी बृहस्पतिवार को पहले ही दिन योगी के गढ़ यानी गोरखपुर में खास रणनीतिक तैयारी के साथ उतरे। बुधवार को  लखनऊ में यूपी के सीएम योगी से चुनाव लड़ने का मंत्र लेने के अगले दिन गोरखपुर पहुंचने के साथ ही रवि किशन ने सबसे पहले चर्चाओं में बिखर रहे भाजपाइयों को साधने की कोशिश की।
उप चुनाव के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ल के घर पहुंचकर आशीर्वाद मांगा तो संगठन के साथ बैठककर यह तय किया कि पार्टी और प्रत्याशी, दोनों की एक दूजे से क्या अपेक्षाएं हैं। गोरखपुर पहुंचने के लिए लोगों को लुभाने के लिए उन्हें तमाम प्रतीकों का भी इस्तेमाल किया। कभी तिरंगा फहराया तो कभी फिल्मी अंदाज में मोदी का गुणगान किया।
लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा रास्ते में दिखी तो उतरकर माला पहनाने के साथ उनकी प्रतिमा की अपने गमझे से सफाई भी की। गोरखनाथ मंदिर पहुंचे तो बाबा गोरखनाथ की प्रतिमा के सामने पुजारियों की शैली में शंख भी बजाया।
उप चुनाव के प्रत्याशी के घर पहुंच किया चरण स्पर्श
गोरखपुर पहुंचने पर फिल्म स्टार, बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन स्वागत जुलूस के रास्ते में अचानक रूक गये। जैसे ही उन्हें यह पता चला कि रास्ते में उप चुनाव के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ल का घर है, वह सीधे उनके घर पहुंच गये। उन्होंने उपेंद्र का चरण स्पर्श कर अपनी खास संवाद अदायगी शैली में आशीर्वाद मांगा।
उपेंद्र कुछ देर के लिए भावुक हो गये। उन्होंने रवि किशन के सिर पर हाथ रखा, मिठाई खिलाई और चुनाव लड़ने के लिए 501 रुपए की सहयोग राशि भी दी।
रवि किशन की अपील पर वह जूलूस में उनकी ही गाड़ी पर सवार हो गये और कार्यक्रम समाप्ति तक साथ बने रहे। वास्तव में रवि किशन की यह रणनीति इसलिए भी रही कि पार्टी में ब्रााह्मणों के बीच इस बार भी उपेंद्र को ही टिकट मिलने की प्रत्याशा थी। उपेंद्र शुक्ल व उनके समर्थकों की नाराजगी को समय रहते दूर करने के लिए रवि किशन के आज के आग्रह को उसी रणनीति के तहत देखा जा रहा है।
रास्ते भर प्रतीकों से राजनीतिक संदेश देने की कोशिश
रवि किशन ने बृहस्पतिवार को गोरखपुर में गोरखपुर की सीमा से लेकर बाबा गोरखनाथ के मंदिर तक स्वागत जुलूस के पूरे रास्ते में प्रतीकों से राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की। माल्यार्पण कर रहे कार्यकर्ताओं के गले में अपनी माला डाल देना, लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा की अपने गमझे से सफाई तो कभी फिल्मी अंदाज में मोदी का तेज आवाज में खास भाव भंगिमा में गुणगान।
गोरखनाथ मंदिर पहुंचे तो पुजारी से शंख लेकर खुद शंखनाद करना। यह तमाम ऐसे नजारे थे जो यह दर्शा रहे थे कि रवि किशन उप चुनाव में बीजेपी को मिले जख्म को भरने के लिए हर एंगल पर काम करना चाहते हैं। इसमें उन्हें कितनी कामयाबी मिलेगी, इसका आकलन परिणाम आने तक करना मुश्किल है।
टीम बीजेपी के साथ गुप्त मंत्रणा
गोरखनाथ मंदिर पहुंचने और वहां आशीर्वाद लेने के बाद रवि किशन की बीजेपी की यहां की टीम के साथ गुप्त मंत्रणा हुई। इसमें प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ल, क्षेत्रीय अध्यक्ष डा. धर्मेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी, महानगर अध्यक्ष राहुल श्रीवास्तव, पूर्व एमएलसी विनोद पांडेय, महापौर सीताराम जायसवाल शामिल रहे।
बैठक में केंद्रीय चुनाव कार्यालय, चुनावी टीम पर तो चर्चा हुई ही। पार्टी ने रवि किशन से क्या अपेक्षाएं रखी हैं अौर रवि किशन को पार्टी से क्या चाहिए, इस पर देर तक चर्चा हुई।
Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com