Tuesday - 9 January 2024 - 4:34 PM

रमजान सब्र का महीना है और सब्र का फल जन्नत है

प्रदीप कुमार सिंह

रमजान का महीना रहमतों, बरकतों, नेकियों और नियामतों का है। इस दौरान बंदगी करने वाले हर शख्स की ख्वाहिश अल्लाह पूरी करता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है। इसमें सभी मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीना रोजा रखते हैं। इस साल रमजान की शुरूआत 7 मई 2019 से हो गयी है। मुस्लिम समुदाय में रमजान को इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि इसी दौरान इस्लामिक पैगम्बर मोहम्मद के सामने कुरान की पहली झलक पेश की गई थी। लिहाजा रमजान को कुरान के जश्न का भी मौका माना जाता है।

यह महीना हमदर्दी का है। इस महीने में हर रोजेदार को भूखे की भूख और प्यासे की प्यास का एहसास होता है। उसे पता चलता है कि दुनिया के जिन लोगों को गरीबी की वजह से फाके होते हैं, उन पर क्या बीतती होगी। रोजे से आदमी में इंसानियत के प्रति हमदर्दी का जज्बा पैदा होता है। इस महीने में नेकी, हमदर्दी, सहयोग और भाईचारे का एहसास होता है। गरीब और अमीर को एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का मौका मिलता है।

रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने व्रत (रोजा) रखते हैं। इस्लाम में रोजा को ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करना माना गया है। इस दौरान कुछ लोगों जैसे बीमार होना, यात्रा करने, गर्भावस्था में होने, मासिक धर्म से पीड़ित होने एवं बुजुर्ग होने पर इन्हें रोजा न रखने की छूट होती है। रोजे के दौरान रोजेदार पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए रहते हैं। हर दिन सुबह सूरज उगने से पहले थोड़ा खाना खाया जाता है। इसे सेहरी कहते हैं, जबकि शाम ढलने पर रोजेदार जो खाना खाते हैं उसे इफ्तार कहते हैं।

रोजेदार हर रोज खजूर खाकर रोजा तोड़ते हैं। एक इस्लामिक साहित्य के मुताबिक अल्लाह के एक दूत को अपना रोजा खजूर से तोड़ने की बात लिखी गई है। इसी के आधार पर सभी रोजेदार खजूर खाकर सेहरी एवं इफ्तार मनाते हैं। इसके अलावा खजूर लीवर, पेट की दिक्कत व कमजोरी जैसी अन्य बीमारियों को ठीक करता है, इसलिए रोजेदार इसे खाते हैं। रमजान के दौरान खास दुआएं पढ़ी जाती हैं। हर दुआ का समय अलग अलग होता है। दिन की सबसे पहली दुआ को फज्र कहते हैं। जबकि रात की खास दुआ को तारावीह कहते हैं।

रमजान के दौरान रोजेदारों को बुरी सौहबतों से दूर रहना चाहिए, उन्हें न तो झूठ बोलना चाहिए, न पीठ पीछे किसी की बुराई करनी चाहिए और न ही लड़ाई झगड़ा करना चाहिए। इस्लामिक पैगंबरों के मुताबिक ऐसा करने से अल्लाह की रहमत मिलती है। रमजान के दौरान पूरे महीने कुरान पढ़ना चाहिए। पैगंबरों के मुताबिक कुरान को इस्लाम के पांच स्तम्भों में से एक माना गया है। रोजे के वक्त कुरान पढ़ने से खुदा बंदों के गुनाह माफ करते हैं और उनके लिए जन्नत का दरवाजा खोलते हैं।

रमजान के वक्त रोजेदारों को दरियादिली दिखानी चाहिए, उन्हें दान (जकात) देना चाहिए। इससे उन्हें सबाब (पुण्य) मिलेगा। कई लोग इस दौरान मस्जिदों में मुफ्त में लोगों को खाना खिलाते हैं। जबकि कई लोग जरूरतमंदों को जरूरी सामान भी बांटते हैं। माना जाता है कि रमजान के गर्मियों में पड़ने पर ये काफी खास होता है। सूरज की गर्मी में रोजेदारों के पाप जल जाते हैं। मन पवित्र हो जाता है और दिल से बुरे विचार खत्म हो जाते हैं। रमजान महीना ईद-अल-फितर से खत्म होता है। इसे शवाल (चंद्र मास) का पहला दिन भी कहते हैं।

इस दिन सभी रोजेदार नए कपड़े पहनकर मस्जिदों और ईदगाह में जाते हैं। वहां वे रमजान का आखिरी नमाज पढ़कर खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं, साथ ही एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते हैं। पैगम्बर मोहम्मद ने उन बर्बर कबीलों के सामाजिक अन्याय के प्रति जिहाद करके समाज को उनसे मुक्त कराया। तथापि मानव जाति में भाईचारे की भावना विकसित करके आध्यात्मिक साम्राज्य स्थापित किया। मोहम्मद साहब का एक ही पैगाम था पैगामे भाईचारा।

मोहम्मद साहब ने मक्का में जो लोग खुदा को नहीं मानते थे उनके लिए उन्होंने कहा कि वे खुदा के बन्दे नहीं हैं अर्थात वे काफिर हैं। इसी प्रकार जेहाद का मतलब अपने अंदर के शैतान को मारना है। वास्तव में मनुष्य जिस मात्रा में अल्ला की राह में स्वेच्छापूर्वक दुःख झेलता है उसी मात्रा में उसे अल्ला का प्रेम व आशीर्वाद प्राप्त होता है। मोहम्मद साहब ने अनेक कष्ट उठाकर बताया कि खुदा के वास्ते एक-दूसरे के साथ दोस्ती से रहो। आपस में लड़ना खुदा की तालीम के खिलाफ है।

मोहम्मद साहब की शिक्षायें किसी एक धर्म- जाति के लिए नहीं वरन् सारी मानव जाति के लिए है। मोहम्मद साहब की बात को मानकर जो भी भाईचारे की राह पर चलेगा उसका भला होगा। मोहम्मद साहब ने अपनी शिक्षाओं द्वारा विश्व बन्धुत्व का सन्देश सारी मानव जाति को दिया।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार है ये उनके निजि विचार है।)

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com