Saturday - 6 January 2024 - 3:56 PM

सर्दी के बाद गर्मी में सरकार से कैसे निपटेंगे किसान

जुबिली न्यूज़ डेस्क

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बीते 83 दिनों से किसान डटे हैं। हालांकि, अब गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। बहुत से किसान वापस अपने गांव जा रहे हैं। बीते महीने जहां हजारों किसान प्रदर्शनस्थलों पर मौजूद थे वहीं, अब इसके आधे भी धरना स्थल पर नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, इसके पीछे भी एक रणनीति है।

दिल्‍ली बॉर्डर पर जमे किसान के सामने सर्दी के खत्‍म होने के बाद गर्मी और चिलचिलाती धूप नई मुसीबत बन रही है। गर्मी से निपटने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली के पंखे और कूलर की व्यवस्था की जाएगी।

किसानों का कहना है कि अगर यूपी से बिजली नहीं मिलेगी, तो जेनरेटर लाने के लिए भी किसान तैयार हैं। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पंखे-कूलर चलाने के लिए बिजली दिल्ली की ले लेंगे। दिल्ली से बिजली देने की मनाही नहीं होगी। दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि दिक्कत होगी, तो जेनरेटर ले आएंगे।

Image result for सर्दी के बाद गर्मी में सरकार से कैसे निपटेंगे किसान

टिकैत ने बताया कि गर्मी से निपटने के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार से बिजली कनेक्शन मांगी गई है। किसान बिल भर देंगे। धरना स्थल के मंच से किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने फिर कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा।

किसानों की संख्या कम होने पर उन्होंने कहा कि लंबे आंदोलन में यह सब होता है। कभी किसानों की संख्या अधिक तो कभी कम होती रहती है। किसान खेती-बाड़ी के काम में भी लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर किसानों की भीड़ फिर बढ़ जाएगी।

ये भी पढ़े: ममता की बंग जननी वाहिनी महिला वोटरों को अपने पाले में लाने में कामयाब हो पायेगी?

ये भी पढ़े:तो अब ट्रांसपोर्टरों ने क्यों दी हड़ताल की चेतावनी

टिकैत ने यह भी समझाया कि किसान अपनी एकता का परिचय दें। धरने पर जो किसान हैं उनकी खेती-बाड़ी का इंतजाम उसका पड़ोसी या दोस्त संभालेगा। कुछ दिनों बाद आंदोलन में बैठा किसान वापस घर जाएगा और उसका वह दोस्त, जो खेती संभाल रहा था धरने में आएगा। ऐसे में दोनों की जिम्मेदारी समय-समय पर बदलती रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच यह एकता है उसे और बढ़ाना है।

धरना स्थल पर सोमवार को किसानों की संख्या कम थी। किसानों ने बताया कि शादी का समय है। कई किसान पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी पूरा करने गांव गए हैं। जल्द ही वे वापस आ जाएंगे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com