Tuesday - 29 October 2024 - 5:37 AM

राहुल VS स्मृति : अमेठी में होगी कांटे की टक्कर

पॉलीटिकल डेस्क

भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की लिस्ट आने के बाद पूरे देश में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। चूंकि मैदान में प्रत्याशी आ गए है तो कई जगह कांटे की टक्कर होती दिख रही है। प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर बनारस से ताल ठोकेंगे तो वहीं अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को स्मृति इरानी टक्कर देंगी। वहीं बागपत में जयंत चौधरी गठबंधन के सहारे भाजपा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह को चुनौती देने के लिए तैयार है तो बदायूं में बीजेपी ने संघमित्रा को उतार कर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को घेरने की कोशिश की हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने कल अपने 184 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के 28 सीटों के भी प्रत्याशियों का नाम था। इसमें कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर होने वाली है तो कुछ सीटों पर कोई खास मुकाबला नहीं दिख रहा।

अमेठी में होगा रोमांचक मुकाबला

अमेठी गांधी परिवार की पारंपरिक सीट है। यहां गांधी परिवार की जड़े काफी मजबूत है, तभी तो यहां 2014 के चुनाव में मोदी लहर भी काम नहीं कर पायी थी। 1967 के आम चुनाव में अमेठी लोकसभा अस्तित्व में आई। अमेठी में पहली बार लोकसभा चुनाव 1967 में हुआ था। 1967 से लेकर 2014 तक के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने केवल दो बार हार का स्वाद चखा है। 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। जनता पार्टी के रविन्द्र प्रताप सिंह ने यहां कांग्रेस को हराया था। उसके बाद 1998 लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर डॉ संजय शर्मा ने जीत हासिल की थी।

2004 से यहां का प्रतिनिधित्व कांगे्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं। 2014 के चुनाव में राहुल के सामने स्मृति ईरानी मैदान में थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ था। राहुल गांधी को 408,651 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी को 300,74 वोट मिले थे। इस तरह जीत का अंतर 1,07,000 वोटों का ही रह गया, जबकि 2009 में कांग्रेस अध्यक्ष की जीत का अंतर 3,50,000 से भी ज्यादा का रहा था। इस बार फिर राहुल के सामने स्मृति ईरानी मैदान में है। इस बार स्मृति के हौसले बुलंद है। इसका कारण है कि वह राहुल को अमेठी में पिछले पांच साल से घेरने की कवायद लगातार कर रही हैं।
स्मृति तो लगातार क्षेत्र में सक्रिय है ही तीन मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पहली बार अमेठी गए और वहां आधुनिक कलाशिनकोव यूनिट का शुभारंभ करने के साथ वहां की जनता को 538 करोड़ की अन्य परियोजनाओं की सौगात भी दिए थे। पीएम मोदी के अमेठी दौरे को राजनीतिक कदम माना गया था। इस तरह से देखा जाए तो अमेठी में राहुल गांधी के लिए चुनावी परीक्षा आसान नहीं होगी। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।

अमेठी का जातीय समीकरण

अमेठी लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें अमेठी जिले की तिलोई, जगदीशपुर, अमेठी और गौरीगंज सीटें शामिल हैं, जबिक रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा सीट आती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों में से 4 सीटों पर बीजेपी और महज एक सीट पर एसपी को जीत मिली थी। हालांकि सपा-कांग्रेस गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरी थी, फिर भी जीत नहीं सकी थी। सपा ने तो गौरीगंज सीट जीत ली, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

अमेठी लोकसभा सीट पर दलित और मुस्लिम मतदाता किंगमेकर की भूमिका में हैं। इस सीट पर मुस्लिम मतदाता करीब 4 लाख के करीब हैं और तकरीबन साढ़े तीन लाख वोटर दलित हैं। इनमें पासी समुदाय के वोटर काफी अच्छे हैं। इसके अलावा यादव, राजपूत और ब्राह्मण भी इस सीट पर अच्छे खासे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 5 सीटों में से 4 सीटों पर बीजेपी और महज एक सीट पर एसपी को जीत मिली थी। हालांकि सपा-कांग्रेस गठबंधन करके चुनाव मैदान में उतरी थी, फिर भी जीत नहीं सकी थी। सपा ने तो गौरीगंज सीट जीत ली, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com