न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड बहुमत मिला है। 2014 की तरह 2019 में भी मोदी लहर चली और एनडीए ने 542 में से 348 सीटों पर कब्जा कर लिया। नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।
बीजेपी की इस जीत से विपक्ष में हलचल मच गई है। कांग्रेस इस हार को नहीं पचा पा रही है, जिसके बाद पार्टी में फूट पड़ती दिखाई दे रही है। सबसे बड़ा बवाल तो पंजाब में हुआ है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस हार के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया है। अमरिंदर ने पार्टी नेतृत्व से दो टूक कह दिया है कि वह सिद्धू और उनमें से किसी एक को चुन लें।
सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर ने केंद्रीय नेतृत्व से कह दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से पंजाब और अन्य राज्यों में पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। अब पार्टी को उनमें या नवजोत सिंह सिद्धू में से किसी एक को चुनना होगा।
कैप्टन ने कहा है कि या तो सिद्धू को पार्टी से ही बाहर कर दें। वरना पंजाब से हटा दिल्ली में उन्हें कोई जिम्मेदारी दें। लेकिन इसके साथ ही उन्हें जोर लगाकर कहा कि सिद्धू को पार्टी से बाहर करना ही बेहतर होगा।
बता दें कि पंजाब में कांग्रेस को 13 में से 8 सीटें, बीजेपी-अकाली दल को 4 और आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली हैं। कांग्रेस का दावा था कि वह पंजाब में इस बार सभी 13 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
वहीं, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है। राज बब्बर अपनी सीट फतेहपुर सिकरी से हार गए। ओडिशा केे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने हार के बाद इस्तीफा दिया है।
प्रियंका गांधी के मैदान के बाद भी यूपी में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली ही जीत पाई और अमेठी से राहुल गांधी चुनाव हार गए। अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृती ईरानी ने उन्हें कड़े मुकाबले में हरा दिया। हालांकि, इस बार दो जगह से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी अपनी दूसरी सीट वायनाड से चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
स्मृति ने राहुल को 55,120 वोटों से पराजित किया है। स्मृति को कुल 4,68,514 वोट मिले हैैं, जबकि राहुल को 4,13,394 वोट मिले हैैं। इस बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक 15 मई को निर्धारित हो गई है, जिसमें कांग्रेस की हार पर समीक्षा होगी।