प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्तों में वृद्धि न करने के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को कर्मचारियों और पेंशनर्स का हक़ मारने के बजाय अपनी बुलेट ट्रेन योजना को रोकना चाहिए था। सरकार को अपनी फिजूलखर्ची रोकनी चाहिए थी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केन्द्रीय विस्टा सौन्दर्यीकरण परियोजना को निलम्बित करने के बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केन्द्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय विस्टा परियोजना पर 20 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। इसी तरह से बुलेट ट्रेन परियोजना एक लाख 10 हज़ार करोड़ की है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुझाव को मानकर अगर अपनी फिजूलखर्ची पर रोक लगा ले इस संकट की घड़ी में ढाई लाख करोड़ रुपये बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से आयी आर्थिक तंगी में सरकार की तरफ से मरहम की ज़रुरत थी मगर सरकार जले पर नमक छिड़कने में लगी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने 30 लाख 42 हज़ार करोड़ का भारी भरकम बजट हाल ही में पारित किया था लेकिन इसके बाद सेना के जवानों से लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते में कटौती का फैसला कर लिया। सरकार अपने इस कदम से 15 लाख सैनिकों और 26 लाख सैन्य पेंशनर्स के 11 हज़ार करोड़ रुपये काट लेगी।