Thursday - 11 January 2024 - 9:47 AM

फलों का राजा अब नहीं ‘आम’

न्यूज डेस्क

आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। मंडियों, बाजारों और बड़े बड़े माॅलों से लेकर फुटपाथ के ठेलों तक हर जगह अमीर-गरीब के लिए सुलभ आमों को खाने का मजा ही कुछ और है। गर्मी के इस मौसम में इन रसीले आमों का स्वाद लेने का अपना ही मजा होता है।

लेकिन क्या आपको पता है फलों का राजा आम अब आम नहीं रहा। इन आमों की एक मलिका  है जिसके लोग मुरीद हो गए हैं और इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। साधारण तौर पर आम बाजार में 20-60 रुपये किलो मिलते हैं लेकिन आमों की मलिका ‘नूरजहां’ के लिए आपको पूरे 1200 रुपये चुकाने होंगे।  इतने पैसे में  आपको मिलेगा  सिर्फ एक आम।

आमों की मलिका ‘नूरजहां’ कोई ऐसा वैसा आम नहीं है। अच्छे मौसम की वजह से इस एक आम का वजन बढ़कर 2 किलो 75 ग्राम हो गया है। अफगानी मूल की मानी जाने वाली आम की इस खास प्रजाति नूरजहां के गिने-चुने पेड़ मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में ही पाए जाते हैं। एमपी का यह इलाका गुजरात से सटा हुआ है और इंदौर से करीब 250 किलोमीटर दूर है।

इस आम की खेती करने वाले इशाक मंसूरी बताते है कि अनुकूल मौसम की वजह से नूरजहां आम के पेड़ों में इस बार अच्छी फसल आई है। आमतौर पर इस आम का वजन 2.5 किलोग्राम हुआ करता था लेकिन इस बार इस आम का वजन 2.75 किलोग्राम है।

एक आम की कीमत 1200

मंसूरी के अनुसार पिछले साल मौसम के खराब होने के कारण नूरजहां की फसल बर्बाद हो गयी थी। इससे इसके चाहने वाले मायूस हो गए थे। लेकिन इस बार अच्छी फसल की वजह से नूरजहां आम के शौकीन बेहद खुश हैं और वो आम के लिए कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों नूरजहां मूल का एक-एक आम 700-800 रुपये में बिक रहा है और सबसे ज्यादा वजन वाले आम के लिए 1200 रुपये तक लोगों ने दिए हैं।

उन्होंने बताया कि पड़ोसी गुजरात के अहमदाबाद, वापी, नवसारी और बड़ौदा के कुछ शौकीन लोगों ने नूरजहां के फलों के सीमित होने की वजह से पहले ही इन आमों की बुकिंग करा ली थी उस समय ये फल छोटे थे और डाल पर लटककर पक रहे थे। मंसूरी ने बताया कि कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में कई लोगों को आमों के बाग में नूरजहां के भारी-भरकम फलों से लदे पेड़ के साथ फोटो और सेल्फी खींचते भी देखा जा सकता है।

एक फुट तक लम्बे नूरजहां के फल

बता दें कि आमतौर इन आम के पेड़ों में जनवरी से बौर आने शुरू हो जाते हैं और इसके फल जून के आखिर तक पककर तैयार होते हैं। नूरजहां के फल तकरीबन एक फुट तक लम्बे हो सकते हैं। एक फुट तक लम्बे फलों की गुठली का वजन 150 से 200 ग्राम के बीच होता है। बहरहाल, यह बात चौंकाने वाली है कि किसी जमाने में नूरजहां के फल का औसत वजन 3.5 से 3.75 किलोग्राम के बीच होता था।

खास बात ये है की इन आमों का औसत वजन पहले 3.5 से 3.75 किलोग्राम के बीच होता था लेकिन पिछले एक दशक के दौरान मॉनसूनी बारिश में देरी, अल्पवर्षा, अतिवर्षा और आबो-हवा के कारण नूरजहां के फलों का वजन पहले के मुकाबले कम हो गया है।  वहीं, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण  इस दुर्लभ किस्म के आम के वजूद पर भी संकट मंडरा रहा है।

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