Sunday - 7 January 2024 - 1:40 PM

क्‍या नीतीश के कहने पर PK बने ममता के सलाहकार

न्‍यूज डेस्‍क

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तल्खी इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते 30 मई को मोदी मंत्रिमंडल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने जब शपथ लेने से इनकार कर दिया था, तभी से बिहार और बिहार से बाहर दोनों दलों के बीच गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे।

नीतीश ने बिहार मंत्रिमंडल में बीजेपी के विधायकों को जगह नहीं दी, जिसके बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्‍तों में सवाल उठने लगे हैं। दोनों दलों के नेता एक दूसरे के ऊपर लगातार तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं।

ऐसे में अब माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी या बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह से नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद ही दोनों दलों के रिश्ते सामन्य हो सकते हैं?

हालांकि, इस बीच जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सलाहकार बनने के बाद फिर से चर्चा तेज हो गई है कि मोदी और नीतीश में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।

माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कड़ी टक्‍कर मिलने के बाद ममता पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ प्रशांत किशोर के साथ चुनावी रणनीति बनाएंगी।

बता दें कि प्रशांत किशोर ने टीएमसी के साथ अगले विधानसभा चुनाव में काम करने का समझौता कर लिया है। प्रशांत किशोर ने बाकायदा टीएमसी के साथ कांट्रैक्ट भी साइन किया है और आने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में वह बतौर रणनीतिकार ममता के लिए काम करेंगे। जाहिर है प्रशांत किशोर के इस फैसले के बाद एक अहम सवाल भी खड़ा हो रहा है। सवाल ये कि क्या इसके लिए नीतीश कुमार ने भी उनको सहमति दे दी है?

दरअसल, ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने पटना और दिल्ली में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इसके बाद ही उनके ममता बनर्जी के लिए काम करने की खबरें सामने आईं हैं।

गुरुवार को जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने बताया कि प्रशांत किशोर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में इस तरह की कोई भी बात बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की इजाजत के संभव नहीं है।

जाहिर है जेडीयू में वही होगा जो नीतीश कुमार चाहेंगे। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नीतीश कुमार ने ही प्रशांत किशोर को ऐसा करने के लिए कहा है।

मोदी मंत्रिपरिषद में जेडीयू के शामिल नहीं होने के बाद जिस तरह से जेडीयू और बीजेपी के बीच तल्खी बढ़ी है। इससे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि हाल में प्रशांत किशोर की नीतीश कुमार से दो बार मुलाकात के बाद कहीं उन्‍होंने (नीतीश) ही इस पर सहमति दे दी है क्या?

बता दें कि प्रशांत किशोर पीएम मोदी, जेडीयू, यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस, पंजाब कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के लिए भी रणनीति बनाने का काम कर चुके हैं।

गौरतलब है कि हाल में ही प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी। इसमें उन्हें जबरदस्त सफलता भी हासिल हुई। आंध्र में जहां जगन मोहन रेड्डी अपार बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने। वहीं, उनकी पार्टी 25 लोकसभा सीटों में 22 पर जीतने में कामयाब रही है।

बताते चले कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का शुरू हुआ सिलसिला अब तक जारी है। बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर जो आज पूरे देश में बनी हुई है इसके पीछे अमित शाह की रणनीति को सराहा जा रहा है। वर्तमान समय में अमित शाह को भारतीय राजनीति का चाणक्य बताया जा रहा है, लेकिन सच तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रांडिंग करने वाला असली चाणक्य कोई और ही है। यह चाणक्य है प्रशांत किशोर।

प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उसके बाद से पीके कई दलों और चुनावों में बतौर रणनीतिकार भूमिका निभा चुके हैं। उनके नाम कई चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है तो साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में फेल होने का भी रिकॉर्ड है।

2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब प्रशांत किशोर बीजेपी छोड़कर जेडीयू के सलाकार बने। बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी को मात दी।

अब सवाल है कि क्‍या अक्टूबर-नवंबर 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश और बीजेपी की राहें जुदा होने वाली हैं? नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच की दूरी बढ़ते देख आरजेडी की ओर से भी बार-बार साथ सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। आरजेडी के कई बड़े नेता नीतीश कुमार का गुणगान करने से नहीं थक रहे हैं।

राबड़ी देवी, शिवानंद तिवारी, मनोज झा से लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं ने भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने के फैसले पर नीतीश कुमार की तारीफ कर चुके हैं।  ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई नीतीश कुमार समय का इंतजार कर रहे हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com