Wednesday - 10 January 2024 - 6:52 AM

एक रूपये नहीं दिया तो प्रशांत को भुगतनी होगी ये सजा

जुबिली न्यूज़ डेस्क

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के दोषी ठहराए गए प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने 1 रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर उन्हें तीन महीने तक जेल और तीन साल तक उनकी प्रैक्टिस पर रोक लगाई जा सकती है।

प्रशांत भूषण मामलें में फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने कहा कि अदालत के फैसले जनता के विश्वास और मीडिया की रिपोर्ट से नहीं होते। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को प्रशांत भूषण की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके प्रशांत भूषण को कोर्ट ने 30 मिनट का समय दिया था और कहा था कि अपने रुख पर फिर विचार कर लें।

इस मामलें में जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कब तक इस प्रणाली को भुगतना होगा। पीठ ने कहा कि न्यायाधीशों की निंदा की जाती है और उनके परिवारों को अपमानित किया जाता है। वे तो बोल भी नहीं सकते। शीर्ष अदालत ने प्रशांत भूषण के वकील से कहा कि उनसे उन्हें निष्पक्ष होने की उम्मीद है।

प्रशांत भूषण के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने यह दलील दी थी कि शीर्ष अदालत फैसले में कह सकती है कि वह प्रशांत से सहमत नहीं है। धवन ने जोर देकर कहा कि किसी को भी अवमानना कार्यवाही में माफी मांगने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और कहा कि भूषण द्वारा की गई हार्ले डेविडसन की टिप्पणी शायद आलोचना थी।

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धवन बोले कि शीर्ष अदालत अपने फैसले में कह सकती है कि लोगों को किस तरह के कोड का पालन करना चाहिए, लेकिन विचार भूषण को चुप कराने के लिए नहीं होना चाहिए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने दलीलों के दौरान भूषण से पूछा कि वह ट्वीट के लिए माफी मांगने के लिए इतने परेशान क्यों हैं।

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि शीर्ष अदालत को भूषण को माफ कर देना चाहिए और मामले पर दयालु दृष्टिकोण रखना चाहिए। पीठ ने कहा कि एक व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होना चाहिए और कहा कि उसने भूषण को समय दिया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया।

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