Wednesday - 10 January 2024 - 9:32 AM

गुपचुप बढ़ी बिजली दरों पर आयोग ने लगाई रोक

न्‍यूज डेस्‍क

उत्तर प्रदेश के लोगों को योगी सरकार की ओर से जोर का झटका लगा है। यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली के दाम प्रति यूनिट 66 पैसे बढ़ा दिए। हालांकि, मामला संज्ञान में आने पर नियामक आयोग ने कोर्ट में याचिका दायर की और बढ़े हुए दामों पर रोक लगा दी। इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अफरातफरी मच गई। हालांकि, यूपीपीसीएल अब भी दाम बढ़ाने पर अड़ा हुआ है।

बता दें कि विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के बिना ही पावर कॉर्पोरेशन ने प्रदेश में 04 पैसे से लेकर 66 पैसे प्रति यूनिट तक की बिजली दरें बढ़ा दी थीं। इसके पीछे ​यूपीपीसीएल ने तर्क दिया था कि कोयला और तेल के दामों में बढ़ोत्तरी के कारण ये दरें बढ़ाई गई हैं। यही नहीं ये दरें जनवरी महीने के बिल से ही लागू कर दी गई थीं।

मामले के संज्ञान में आने के बाद विद्युत नियामक आयोग ने तत्काल रोक लगा दी है। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक वह कोई निर्णय नहीं करता, तब तक दरों में वृद्धि न की जाए। इस निर्देश के बाद पावर कॉरपोरेशन ने अपने सॉफ्टवेयर से बढ़ी दरों का डाटा हटा दिया है। खास बात ये है कि कॉरपोरेशन ने इस बढ़ोतरी से पहले विद्युत नियामक आयोग से अनुमति तक नहीं ली।

कॉरपोरेशन ने बिलों में बढ़ोतरी का आदेश जारी करने के साथ ही बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव का निर्देश भी जारी कर दिया था। इसका पता चलने पर विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसे गलत गणना पर अधारित बताते हुए आपत्ति की और नियामक आयोग से रोक लगाने की अपील की। इसके बाद आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह ने पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन और सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को बढ़ोतरी आदेश पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया।

बता दें कि इससे पहले घरेलू बिजली की दरों में आठ से 12 फीसदी तक इजाफा किया गया है। दो साल के बाद बिजली के रेट बढ़ाए गए हैं। इससे पहले साल 2017 में बिजली के दाम बढ़े थे। बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर राज्य की विपक्षी पार्टियों ने प्रदेश की योगी सरकार की जमकर आलोचना की थी।

दूसरी ओर रोडवेज बस का सफर साधारण बसों में दस पैसा प्रति किलोमीटर और एसी बसों में 22 पैसे तक महंगा हो गया। बढ़ा हुआ किराया गुरुवार की रात बारह बजे से लागू कर दिया गया है।  ऐसे में साधारण बस से सौ किलोमीटर तक के सफर पर हर यात्री को दस रुपये ज्यादा किराया देना होगा। वहीं एसी बस का किराया सौ किलोमीटर तक के सफर पर 22 रुपये ज्यादा देना पड़ेगा।

परिवहन निगम बोर्ड ने 27 दिसंबर को बढ़े हुए किराये को मंजूरी दी थी। स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट अथॉर्रिटी ने गुरुवार को बढ़े हुए किराये को स्वीकृत प्रदान कर दी। ऐसे में रोडवेज बस का बढ़ा हुआ किराया तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। पहले यह किराया 13 जनवरी को एसटीए की बैठक में मंजूरी होने के बाद लागू होना था। लेकिन किराया बढ़ाने के लिए गुपचुप ढंग से पहली जनवरी को ही एसटीए की बैठक कर ली गई। इसमें मंजूरी कराने के बाद तीन की रात से ही किराया लागू कर दिया गया।

किराये की बढ़ी हुई दरें साधारण बसों के अलावा, वोल्वो, स्कैनिया, एसी शताब्दी, जनरथ, एसी स्लीपर, महिला स्पेशल पिंक बसों में लागू होगा। यह जानकारी देते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने कहा कि बीते दो वर्षो के दौरान डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के साथ कर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी की वजह से किराया महंगा किया गया है। इस संबंध में परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन) राजेश वर्मा ने प्रदेश भर अधिकारियों को गुरुवार रात ही बढ़े हुए किराये का सर्कुलर भी भेज दिया गया है।

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