जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में इस वक्त अखिलेश यादव और योगी आमने-सामने हैं। दोनों तरफ से बयानबाजी जोरों पर है। दरअसल सुल्तानपुर डकैती में शामिल मंगेश यादव और अनुज सिंह के एनकाउंटर के बाद यूपी की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी इस कार्रवाई को कानून का राज बता रहे हैं और वहीं विपक्ष पुलिस की नाकामी करार दे रहा है। हालांकि, यूपी में एनकाउंटर की कहानी कोई नई नहीं है। 2002 से 2024 के बीच पुलिस एनकाउंटर में 1000 से ज्यादा अपराधी ढेर किये गए है।
भले ही अखिलेश यादव यूपी में एनकाउंटर को लेकर लगातार मौजूदा सरकार पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन सर्वाधिक एनकाउंटर का रिकॉर्ड मुलायम सरकार के नाम है। जबकि अखिलेश यादव के राज में सबसे कम एनकाउंटर हुए है।
आंकड़ों पर गौर करें तो यूपी में 2002 से 2024 के बीच 1007 अपराधी एनकाउंटर में मौत की नींद सुलाये गए है। इससे पता चलता है कि हर साल औसतन 46 अपराधियों की पुलिस मुठभेड़ में ढेर किया जा रहा है। योगी सरकार में ये आंकड़ा 29 है। उनके 7 साल के कार्याकाल में 207 अपराधी मारे गए हैं। जबकि, 6700 से ज्यादा घायल हुए हैं। इस दौरान 17 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1500 जवान जख्मी हुए हैं।
2003 से 2007 के बीच मुलायम सरकार में 499 अपराधियों की एनकाउंटर से मौत हुई। इस दौरान 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। इसी प्रकार 2008 से 2012 के बीच मायावती सरकार में 261 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। इस दौरान आठ पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे।
योगी राज की बात करें तो योगी के पहले कार्यकाल में 9185 एनकाउंटर हुए और इनमें 156 अपराधी को मौत के घाट उतारा गया था जबकि 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव सरकार में 4359 एनकाउंटर हुए, जिसमें 40 अपराधी को मौत की नींद सुलायी गई जबकि मायावती और मुलायम सरकार में ये आंकड़ा काफी अलग है। योगी राज में 2017 से 2022 के बीच 19908 अपराधी दबोचे गए है जबकि इसी दौरान 3664 अपराधी जख्मी हुए है।