Wednesday - 10 January 2024 - 3:19 AM

अमित शाह के खत से पश्चिम बंगाल में चढ़ा सियासी पारा

  • प्रवासी मजदूरों को लेकर गरमाई राजनीति
  • शाह ने ममता सरकार से पूछा कि प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर क्यों हैं चुप
  •  शाह के पत्र पर टीएमसी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस को लेकर पहले ही पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार आमने-सामने थी, अब एक नये मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासी पारा चढ़़ गया है। तालाबंदी के बीच प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है जिस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

कोरोना संकट के बीच पश्चिम बंगाल में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। पहले ममता सरकार पर विपक्षी दल व राज्यपाल जगदीप धनकड़ आंकड़ों को छु़पाने का आरोप लगाया और अब प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति तेज हो गई है।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ममता सरकार से पूछा है कि वह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर चुप क्यों है? शाह के इस सवाल पर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने वाले केंद्रीय गृह मंत्री झूठ के पुलिंदा के साथ लोगों को गुमराह करने के लिए हफ्तों की चुप्पी के बाद बोल रहे हैं! विडंबना यह है कि लोगों को अपनी सरकार ने ही उनके हाल पर छोड़ दिया है। अमित शाह, अपने फर्जी आरोपों को साबित करें या माफी मांगें।

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। पत्र में शाह ने पूछा है कि प्रवासी मजदूरों पर ममता बनर्जी चुप क्यों हैं? दूसरे राज्यों में फंसे बंगाल के मजदूरों की ट्रेन से वापसी क्यों नहीं हो रही है। ममता सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए कदम उठाएं, पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूर परेशान हैं।

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अमित शाह ने पत्र में यह भी लिखा है कि अभी तक ट्रेन के जरिये 2 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है। बाकी राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक भी अपने गृह राज्य में जाने के लिए परेशान हैं। इनके जाने की व्यवस्था केंद्र सरकार ने की है, लेकिन मुझे दुख है कि बंगाल सरकार से हमें इसमें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।

शाह ने कहा कि बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों से लेकर बंगाल पहुंचाने वाली श्रमिक रेलगाडयि़ों को राज्य सरकार द्वारा अनुमति नहीं प्रदान की जा रही है। ऐसा करना पश्चिम बंगाल के श्रमिकों के साथ अन्यायपूर्ण होगा। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को कठिन परिस्थिति में धकेल सकता है।

इस मामले में अभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जिस तरह से पश्चिम बंगाल में एक-एक बाद एक मुद्दे को लेकर बीजेपी ममता सरकार को घेर रही है उससे उनकी परेशानियां बढ़ती दिख रही है। इस समय पूरे देश में प्रवासी मजदूरों को लेकर लोग भावुक हैं। चूंकि अगले साल यहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिए इन सारे मुद्दों को राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है।

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