Thursday - 11 January 2024 - 7:40 PM

नीतीश कुमार ने बताया-क्या चाहते थे PK ?

जुबिली स्पेशल डेस्क

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तल्खी इन दिनों काफी चर्चा में है। दरअसल नीतीश कुमार ने जब से बीजेपी का साथ छोड़ा है और दोबारा लालू के साथ गए है तब से वहां पर बीजेपी और जेडीयू में लगातार घमासान देखने को मिल रहा है।

दूसरी ओर प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार पर तगड़ा हमला बोल रहे हैं लेकिन अब नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी और खुलकर उनपर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि यह वही प्रशांत किशोर हैं, जो कुछ समय पहले हमारी पार्टी के कांग्रेस में विलय की सलाह दे रहे थे।

नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे यहां तक कहा है कि प्रशांत किशोर अब भाजपा के साथ हैं। इसलिए वहां के हिसाब से बयानबाजी कर रहे हैं।

नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में प्रशांत किशोर पर जमकर हमला बोला है। मीडिया ने जब नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर को सवाल किया कि क्या आपने उन्हें सरकार में पोस्ट ऑफर की थी।नीतीश ने कहा कि प्रशांत किशोर ऐसे ही बोलते रहते हैं। ऐसा कुछ नहीं है, बस उनकी बातें सुन लीजिए। उन्होंने कहाकि उनकी जो मर्जी बोलते रहें। हम लोगों को कोई लेना देना नहीं है। नीतीश ने कहा कि वह प्रशांत किशोर पर रोज-रोज बोलना उचित नहीं समझते। वह मेरे साथ रहते थे, मेरे घर में रहते थे, अब हम क्या बोलें। उन्होंने आगे प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को कोई ठिकाना नहीं है।

प्रशांत किशोर ने आकर उनसे कहा था कि अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज कर दीजिए। तब मैंने कहा था भला हम कांग्रेस में खुद को मर्ज करेंगे? बिहार के सीएम ने कहा कि आजकल जहां गया है, बीजेपी में उसके हिसाब से सब कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने प्रशांत किशोर को नहीं बुलाया था, वह खुद ही आए थे हमसे मिलने।

गौरतलब है कि हाल में ही प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी। इसमें उन्हें जबरदस्त सफलता भी हासिल हुई। आंध्र में जहां जगन मोहन रेड्डी अपार बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बने। वहीं, उनकी पार्टी 25 लोकसभा सीटों में 22 पर जीतने में कामयाब रही है।

बताते चले कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का शुरू हुआ सिलसिला अब तक जारी है। बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर जो आज पूरे देश में बनी हुई है इसके पीछे अमित शाह की रणनीति को सराहा जा रहा है। वर्तमान समय में अमित शाह को भारतीय राजनीति का चाणक्य बताया जा रहा है, लेकिन सच तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रांडिंग करने वाला असली चाणक्य कोई और ही है। यह चाणक्य है प्रशांत किशोर।

प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उसके बाद से पीके कई दलों और चुनावों में बतौर रणनीतिकार भूमिका निभा चुके हैं। उनके नाम कई चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है तो साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में फेल होने का भी रिकॉर्ड है।

2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब प्रशांत किशोर बीजेपी छोड़कर जेडीयू के सलाकार बने। बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी को मात दी।

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