Sunday - 7 January 2024 - 5:05 AM

ईद पर पाक‍िस्तान में नए कपड़े-जूतों के ल‍िए तरस रहे लोग

दुन‍ियाभर में आज ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है। सुबह से देश के अलग-अलग मस्जिदों में लोग विशेष नमाज में हिस्सा ले रहे हैं। सेवई और मेवे की दुकानों पर सुबह से ही रौनक दिख रही है।

खासकर बच्चों पर ईद का खुमार छाया हुआ है, लेक‍िन पाक‍िस्तान के लोगों के ल‍िए यह ईद खुशी की जगह दुख लेकर आई है। मुद्रास्फीत‍ि की वजह से पाक‍िस्तान में चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं, ज‍िससे यहां चीजों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर जा चुके हैं।

पाकिस्‍तान में आम आदमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अब ईद से पहले आम जरुरत की चीजों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। दरअसल पिछले एक महीने में पाकिस्तानी करंसी दुनिया में सबसे ज्यादा कमजोर हुई है। जिसकी कीमत पाकिस्तानियों को चुकानी पड़ रही है।

पाकिस्तान के सरकारी आकंडे :-

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में महंगाई दर 8.82 फीसदी से बढ़कर 9.11 फीसदी हो गई है। पिछले हफ़्ते पेट्रोल की कीमत चार रुपये 26 पैसे, डीजल में चार रुपये 50 पैसे और मिट्टी के तेल की कीमत एक रुपये 69 पैसे बढ़ा दी गई। पाकिस्तान में पेट्रोल अब 112 रुपये 68 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है।

पाक‍िस्तानी मीड‍िया के अनुसार, कपड़ों और ज्वैलरी का शौक अब अमीरों के बस का रह गया है। इस ईद पर इनके दाम अब गरीबों की पहुंच के बाहर हैं। प‍िछली बार चूड़‍ियां और जूतों के दाम आम आदमी की पहुंच में थे, लेक‍िन इस बार इनके दाम दुकानदारों ने बहुत ज्यादा बढ़ा द‍िए हैं।

दुकानदारों ने मुद्रास्फीति पर कहा कि चिलचिलाती गर्मी के कारण इस साल बहुत से लोग सामान खरीदने नहीं आए। इस वजह से उन्होंने अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कीमतों में वृद्धि की है।

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार मई में थोक मूल्य सूचकांक की महंगाई 1.43 फीसदी और संवेदनशील मूल्य सूचकांक 0.78 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पिछले साल समान अवधि की तुलना में जुलाई-मई के दौरान मई में मुद्रास्फीति की औसत दर 7.19 फीसदी बढ़ी।

वही पाकिस्तानी सरकार का कहना है, कि ये परेशानी केवल कुछ समय के लिए है और दो महीने के बाद हालात में सुधार होगा, लेकिन विपक्ष का कहना है कि आम आदमी इस महंगाई को झेल रहा है और सरकार को समझ में नहीं आ रहा है कि इस पर कैसे काबू पाया जाए।

पाकिस्तान में पिछले नौ महीनों में कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपये से ज्यादा हो गया है और महंगाई दोगुनी हो गई है। अगले वित्तीय वर्ष में महंगाई की दर 12 फीसदी होगी।

Radio_Prabhat
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