जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. बारह साल के बाद अंततः पाकिस्तान ने मान लिया कि मुम्बई में 26/11 हमले के पीछे उसी का हाथ था. उसी के इशारे पर लश्कर-ए-तैय्यबा के 11 आतंकियों ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था.
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी FIA ने आज 11 नवम्बर को यह स्वीकार किया कि मुम्बई में 26 नवम्बर 2008 को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान के आतंकियों का हाथ था. इस हमले में मुख्य निशाना ताज होटल था.
भारत लगातार पाकिस्तान पर दबाव बनाता रहा. पाकिस्तान में कई सरकारें बदल गईं लेकिन कोई भी सरकार यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हुई कि यह उसकी करतूत थी. पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने आज यह स्वीकार कर लिया कि भारत में हुई वह खौफनाक वारदात पाकिस्तान के आतंकियों ने अंजाम दी थी.
पाकिस्तान ने इन आतंकियों को मोस्ट वांटेड करार देते हुए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला भी किया है. FIA ने जिन मोस्ट वांटेड आतंकियों की नई लिस्ट तैयार की है उसमें मुम्बई हमले को अंजाम देने वाले 11 आतंकियों के भी नाम हैं.
FIA ने मोस्ट वांटेड आतंकियों की जो लिस्ट तैयार की है उसमें मुल्तान के मोहम्मद अमज़द खान का नाम भी शामिल है.
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आतंकियों ने 26 नवम्बर को मुम्बई में तबाही मचा दी थी. समुद्र के रास्ते मुम्बई पहुंचे इन आतंकियों ने ताज होटल के अलावा छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत छह स्थानों पर भी आतंकी हमला किया था. इस हमले में 160 लोगों की जान गई थी. ताज होटल में ठहरे 31 लोगों को आतंकियों ने निशाना बनाया था.
गेट वे ऑफ़ इण्डिया के ठीक सामने ताज होटल में आतंकियों की करतूत को देश के टेलिविज़न चैनलों ने लाइव दिखाया था. एटीएस के बहादुर जवानों ने आतंकियों का सामना किया. हेमंत करकरे इसी हमले में शहीद हुए थे.