जुबिली न्यूज डेस्क
लद्दाख क्षेत्र के लिए संवैधानिक सुरक्षा के प्रावधानों की मांग को लेकर दिल्ली आ रहे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को सोमवार रात दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर रोका गया है.
लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा पर हिरासत में ले लिया है. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है.
राहुल गांधी
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस के इस क़दम की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि यह अस्वीकार्य है. इसी बीच दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली, उत्तरी और केंद्रीय दिल्ली के सभी थानों और दिल्ली की सीमा से लगे क्षेत्रों में अगले 6 दिनों के लिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी है. इसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने, प्रदर्शन करने आदि पर पाबंदी होगी.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा है, “सोनम वांगचुक जी और सैकड़ों लद्दाख़ी लोगों को पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों को लेकर शांतिपूर्ण मार्च के लिए हिरासत में लेना अस्वीकार्य है.” “लद्दाख़ के भविष्य के लिए आवाज़ उठाने वाले बुज़ुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में क्यों लिया जा रहा है. मोदी जी किसानों की तरह यह ‘चक्रव्यूह’ भी टूटेगा और आपका अहंकार भी टूटेगा. आपको लद्दाख़ की आवाज़ सुननी होगी.”वहीं, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने भी एक्स पर पोस्ट किया है.
अखिलेश यादव
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जो लोग शांति से डरते हैं, वो अंदर से डरे हुए लोग होते हैं. भाजपा सरकार पर्यावरण रक्षक व लद्दाख हितैषी सोनम वांगचुक जी की शांतिपूर्ण दिल्ली यात्रा को बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं कर सकती. केंद्र अगर सरहद की आवाज़ नहीं सुनेगा तो ये उसकी राजनीतिक श्रवणहीनता कहलाएगी.
अरविंद केजरीवाल
इस पर अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोकते हैं, कभी लद्दाख के लोगों को रोकते हैं. क्या दिल्ली किसी एक शख्स की बपौती है? दिल्ली देश की राजधानी है. दिल्ली में आने का सब को अधिकार है. ये सरासर गलत है. निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आखिर इन्हें क्या डर लग रहा है?
सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में कहा, ”मुझे नहीं पता कि पीएम मोदी, अमित शाह और बीजेपी क्या कर रही है. वे गैंगस्टर को नहीं पकड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें पूरा संरक्षण दे रखा है. लेकिन सोनम वांगचुक जैसे लोग जो देश के मुद्दे उठाते हैं, वे पदयात्रा करना चाहते हैं, तो उनके साथ आतंकियों जैसे व्यवहार क्यों होता है?”
बता दे कि सोनम वांगचुक ने खुद वीडियो समेत ‘एक्स’ पर लिखा, ”मुझे और 150 पदयात्रियों को दिल्ली सीमा पर पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जा रहा है. इनमें कई बुजुर्ग एवं महिलाएं हैं जिनकी उम्र 80-85 साल के बीच है. और इसमें पूर्व सैन्यकर्मी भी हैं. हमारे साथ आगे क्या होगा, हमें नहीं पता. हम बापू की समाधि तक शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकाल रहे थे. यह देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की मां में ऐसा हो रहा है.”