जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान और आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई केवल स्थगित हुई है, समाप्त नहीं। आगे का कदम पाकिस्तान के रुख पर निर्भर करेगा। उन्होंने दोहराया – “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”।
कांग्रेस के 4 सवालों पर मोदी सरकार ने दिया जवाब
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार से चार अहम सवाल पूछे थे:
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पहलगाम के आतंकी कहां हैं?
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क्या अमेरिका के दबाव में सीजफायर किया गया?
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पाकिस्तान में बंदी बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को कब वापस लाएंगे?
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जब पूरा देश साथ था, तो PoK क्यों नहीं लिया गया?
सरकार ने इन सभी सवालों के जवाब कार्रवाई और कूटनीतिक स्तर पर देकर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भारत अब आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” नीति पर चल रहा है।
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार भारत लौटे
सुप्रिया श्रीनेत का तीसरा सवाल सीधे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार से जुड़ा था, जो गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे। पाकिस्तान ने अब उन्हें भारत को सौंप दिया है। इसके बदले भारत ने भी एक पाकिस्तानी रेंजर को लौटाया है। इससे साफ है कि सरकार ने जवानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
PoK को लेकर सरकार का सख्त रुख
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन में साफ कहा गया कि सरकार ने पाकिस्तान को PoK खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। यह भारत का आंतरिक विषय है और रहेगा।
“आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर पर सटीक हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र “नेशन फर्स्ट” की भावना से एकजुट होता है, तो ऐसे फौलादी फैसले लिए जाते हैं।
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सीजफायर की वजह भी बताई
सीजफायर को लेकर उठ रहे सवालों पर भी पीएम ने स्थिति स्पष्ट की – पाकिस्तान की तरफ से जब DGMO के जरिए संपर्क हुआ और यह वादा किया गया कि कोई आतंकी गतिविधि नहीं होगी, तभी भारत ने कार्रवाई को रोका। पर उन्होंने चेतावनी भी दी कि “हर कदम पर पाकिस्तान की हरकतों की निगरानी की जाएगी।”