जुबिली स्पेशल डेस्क
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आखिरकार कड़ा और निर्णायक एक्शन लिया है। 7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकियों के नौ प्रमुख ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए।
भारत की तीनों सेनाओं ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करते हुए कार्रवाई की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में करीब 90 आतंकियों को मारा गया है।भारत ने इस कार्रवाई को ‘सिंदूर ऑपरेशन’ कहा है। भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है, ”इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों का प्लान बनाया गया था।
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इस बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी विस्तृत जानकारी कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने बताई ने प्रेस वार्ता में दी है…
- भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरेशी ने कहा, “मासूम पर्यटकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया।
- पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से टेटर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और PoK दोनों में फैले हैं।” कर्नल सोफिया ने कहा, “9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया और ध्वस्त किया गया।
- पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान ने व्यवस्थित तरीके से आतंकी ढांचे का निर्माण किया, जो आतंकी कैंपों और लॉन्चपैड्स के लिए पनाहगाह रहा है।उत्तर में सवाई नाला और दक्षिण में बहावलपुर में स्थित मशहूर प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया।
- विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफिंग देते हुए कहा कि पुख्ता इंटेलिजेंस इनपुट के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था।
- पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद मे लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया गया. आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था. आतंकियों की रीढ़ तोड़ने की कार्रवाई की गई। बरनाला कैंप भी ध्वस्त किया गया. सियालकोट में महमूना कैंप को भी नष्ट किया गया।
- प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “भारत ने सीमा पार हमलों का जवाब देने, रोकने और प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है।
- भारत का एक्शन नपातुला, जिम्मेदारी भरा और गैर-उकसावे वाला है. आयोजकों और फाइनेंसरों को जवाबदेह ठहराने का प्रयास था. भारत की कार्रवाई को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।”