Wednesday - 10 January 2024 - 8:00 AM

नेता केवल वोट जुटाने की तिकड़म लगा रहे: जल पुरुष

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। अब 2019 में हमारा नेता झूठ न बोले हमें डराये नहीं, हमारे द्वारा दिए गए अधिकारों को वो हमारे संसाधनों को अतिक्रमण, प्रदूषण और शो सड़ करने वाले उद्योगपतियों को न दें। अपनी सत्ता बनाये रखने के लिए भारत के सैनिकों न मरवाए, धर्म और जाति के नाम पर हमें न बांटे, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता को कायम रखे। साथ ही देश की नदियों का अस्तित्व बचाने के लिए आगे आये, ये बातें जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने आज लखनऊ में कही।

मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और जल पुरुष के नाम से चर्चित राजेंद्र सिंह ने देश में जल सुरक्षा के लिए कानून बनाने पर जोर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

गुजरात में औद्योगीकरण के उनके फार्मूले से वहां की नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया और नालों और कारखानों का गंदा पानी नदियों में बह रहा है, जिससे नदियों की अविरलता और निर्मलता दोनों प्रभावित हुई हैं।

मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीतिक दल देश की सत्ता हथियाने में जुटे हैं। किसी भी राजनैतिक दल का घोषणा पत्र पानी, पर्यावरण या जलवायु परिवर्तन के संकट पर कुछ भी नहीं बोलता है। यह केवल वोट जुटाने की तिकड़म लगाते रहते हैं। वोट देने वाले भी भ्रमित हैं। आज सत्ता समाज को भ्रमित करने में जुटा है।

उन्होंने ये भी कहा कि 2018 के चुनाव में किसान कर्ज मुक्ति नहीं बल्कि कर्ज माफी मुद्दा बना रहा। 2019 का चुनाव भी ऐसा ही निपट जायेगा। पर्यावरण बिगाड़ने वाले वोट खरीदेंगे। पानी व हवा को दूषित करने वाले वोट खरीदने वाले का काम करेंगे। जलवायु बिगड़ने से बेमौसम बरसात से मिट्टी कटकर बहती रहेगी।

लोकसभा चुनाव 2019: ‘पानी व हवा को दूषित करने वाले वोट खरीदने वाले का काम करेंगे’

यही प्रभाव हमारी धरती पर बाढ़- सुखा लेकर आता रहेगा। बाढ़- अकाल राहत के नाम पर भारत का खजाना खाली होता रहेगा। हमें ऐसे लोगों को देश चलाने की जिम्मेदारी देनी चाहिए, जिनका जीवन साझा है। देश का नेता अतिक्रमण- प्रदूषण- शोषण करने वालों को ही सभी प्रकार से बढ़ा रहा है।

प्रदूषण भी उसी गति से दिल्ली और भारत के अन्य राज्यों में बढ़ रहा है। अब नए दल बनना बंद हों। जो जलवायु अनुकूलन और उन्मूलन के काम करें, बस उसी को वोट देना चाहिए।

जो चुनाव से पहले गंगा को अविरल बनाने की दुहाई देता है और सत्ता में आने के बाद गंगा मां की अविलता- निर्मलता के लिए काम करने वालों को मारता हो, ऐसे लोगों को नेता ना बनाएं।

देश की चुनाव सुधार पर कार्य करने वाली एडीआर संस्था के कोर्डिनेटर संजय सिंह ने इस मौके पर कहा कि हमारे सर्वे में भी ये निकलकर आया है कि भारत में जो तीन महत्वपूर्ण समस्याएं है उनमें से पेयजल संकट एक प्रमुख समस्या है, आने वाले समय में जल संकट सबसे अधिक बढ़ने वाला है।

जिस तरह से वन क्षेत्र कम हो रहे है, अवैध खनन के कारण नदी, पहाड़, जंगल नष्ट हो रहे है। तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है जिसके कारण नई- नई तरह की बिमारियां देश को खोखला कर रही है। देश के कई राज्य जल संकट से जूझ रहे है तो वहीं पहाड़ी राज्य भी बेपानी होने की कगार पर है। साथ में मौजूद राजेंद्र सिंह बिष्ट और संतोष श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे।

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