Saturday - 6 January 2024 - 11:40 PM

एक बेटी ने तोड़ दिया है दम और दूसरी है बीमार, लॉकडाउन में बेहाल हुआ ये परिवार

स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कोरोना के कहर से पूरा देश सहम गया है। कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है लेकिन यही लॉकडाउन गरीबों के लिए परेशानी भी पैदा कर रहा है। हालांकि सरकार ऐसे लोगों की मदद की बात कह रही है और गरीबों और जरूरतमंदों को राशन बांटा जा रहा है लेकिन कुछ लोगों तक यह नहीं पहुंच रहा है। इसका ताजा उदाहरण आगरा के वॉटरवक्र्स चौराहे के पास मलिन बस्ती में किराए पर रहने वाले जूता कारीगार राम सिंह का है।

आलम तो यह है कि राम सिंह के पास खाने के लिए अन्न का एक दाना भी मौजूद नहीं और पैसे भी खत्म हो गया और इस वजह से उनकी एक बेटी 28 अप्रैल को मौत की नींद सो गई है। इतना ही उसकी दूसरी बड़ी बेटी दीपेश की भी हालत बेहद खराब है और इस वजह से वो कई लोगों से मदद के लिए गुहार लगा रहा है।

यह भी पढ़ें :  क्या पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना के आंकड़े छुपा रही है?

लॉकडाउन ने इस परिवार की कमर तोड़ दी है और अब ऐसे हालातों में उनके परिवार की जिंदगी खतरे में है। राम सिंह ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि लॉकडाउन के बाद से उसके यहां पर खाने के लिए कुछ भी नहीं है।

ठेके पर फिटर का काम करने वाले राम सिंह लॉकडाउन के बाद से बेरोजगार हो गए थे और उनकी मदद के लिए अभी तक कोई नहीं आया है। इस वजह से उनकी 11 साल बेटी वैष्णवी ने बीमारी की वजह से दम तोड़ दिया है और दूसरी बेटी की हालत बेहद खराब है। डाक्टर से दिखाने के लिए उनके पास पैसा नहीं है।

लॉकडाउन के बाद से उनके घर पर चूल्हा तक नहीं जला है। उसने बताया कि यही पास की पुलिस चौकी के सामने क्वारंटीन सेंटर बनाया गया था और बचा हुआ खाने का पैकेट उन्हें पुलिस दे देते थे लेकिन अब सेंटर बंद हो गया और अब खाना भी नहीं मिलता है। पिता ने बताया कि बेटी स्कूल में पढ़ती थी और पास भी हो गई थी। इसकी जानकारी बुधवार को स्कूल से मिली।

यह भी पढ़ें :  कामगारों की कमी से नहीं चल पा रही है औद्योगिक इकाइयां

पिता ने कहा कि प्रधानाचार्य का फोन आया था और कहा था कि तुम्हारी बेटी पास हो गई और आगे की पढ़ाई ऑनलाइन चलेगी लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं है। इसके बाद प्रधानाचार्य ने समाजसेवियों को इसकी जानकारी दी। हालांकि इसके बाद समाजसेवी ने मदद करते हुए राशन दिया और कुछ पैसे दिये है। उधर एडीएम को इस पूरी घटना की जानकारी लगी तो उन्होंने कहा है कि पूरे मामले की जांच होगी और हर तरह से उसके परिवार को मदद दी जाएगी।

यह भी पढ़ें :   तालाबंदी : सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में 14 सालों में सबसे बड़ी गिरावट

बता दें कि कोरोना की वजह से गरीबों का हाल बेहाल है और काम बंद होने की वजह से ऐसे लोगों के भूखे मरने की नौबत तक आ गई है। सरकार भले ही ऐसे लोगों की मदद की बात कह रही हो लेकिन अब भी कितने लोग भूखे और उन तक सरकारी मदद नहीं पहुंच रही है।

यह भी पढ़ें :  मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय के पास नहीं है प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com