Thursday - 11 January 2024 - 6:11 PM

तो क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्नाटक सरकार पर खतरा बढ़ गया है

न्‍यूज डेस्‍क

कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। कोर्ट के इस फैसले से गुरुवार को होने वाले विश्वासमत परीक्षण पर सस्पेंस बन गया है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार को झटका देते हुए यह भी कहा है कि 15 बागी विधायकों को भी सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए। इस फैसले का मतलब है कि ये विधायक चाहें तो विश्वासमत से अनुपस्थित रह सकते हैं। इसका दूसरा मतलब यह है कि कुमारस्वामी सरकार पर मंडरा रहा खतरा बढ़ गया है।

अगर ये 15 बागी विधायक विश्वासमत के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे तो 225 सदस्यीय विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार के लिए बहुमत का आंकड़ा 104 हो जाएगा, लेकिन उनके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 101 हो जाएगी। उधर, विपक्षी भाजपा के पास 107 विधायक हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इन इस्तीफों पर फैसला लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष   पर छोड़ दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह फैसला लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को कोई समय सीमा तय नहीं दे सकता।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमें इस मामले में संवैधानिक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। इस्तीफे पर फैसला लेने के कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार अदालत के निर्देश या फैसले से प्रभावित नहीं होना चाहिए’। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अंसतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष के फैसले को उसके समक्ष रखा जाए।

गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार से बगावत करने वाले 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई पूरी हुई थी। सुनवाई के दौरान इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार की भूमिका पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि अध्यक्ष जानबूझकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे। उनका यह भी कहना था कि इस्तीफा लटकाकर उन्हें जबरन विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने को मजबूर किया जा रहा है।

आज स्पीकर बागी विधायकों पर लेंगे फैसला

बागी विधायकों पर आज विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार फैसला लेंगे। उन्होंने अदालत को बताया था कि वे बुधवार यानी आज बागी विधायकों के इस्तीफे या उन्हें अयोग्य घोषित करने के मामले पर फैसला ले लेंगे। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मालूम हो कि कर्नाटक में अब तक कांग्रेस-जेडीएस के 16 और दो निर्दलीय विधायक उसके पाले से खिसक चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भाजपा ने खुशी की लहर है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘अब सरकार का गिरना तय है क्योंकि उनके पास संख्या बल नहीं है।’  उधर, विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार का कहना था, ‘मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। मैं संविधान में दिये गये अधिकारों के तहत ही काम करूंगा।’

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