Sunday - 7 January 2024 - 5:09 AM

अब वक्त बतायेगा बंद मुट्ठी लाख की या ख़ाक की!

प्रियंका गांधी को कुछ दिन पूर्व ही कांग्रेस महासचिव और पूर्वांचल का प्रभारी बनाया गया था और अब प्रियंका गांधी ने उत्तरप्रदेश की राजनीति में धमाकेदार रूप से दस्तक दे दी है। लखनऊ में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस सुप्रीमों राहुल गांधी और महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ करीब 5 घंटे रोड शो किया। रोड शो में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीष रावत, उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी भी शामिल थे।
रोड शो में उमड़े जनसैलाब और युवाओं में व्याप्त उत्साह को देखकर ऐसा लगा कि जैसे इंदिरा गांधी का फिर से राजनीति में पदार्पण हो गया हो। प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में इंट्री के बाद उनका ऐसा स्वागत तो होना ही था क्यों कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लंबे समय से यह मांग की जाती रही है कि प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाया जाए। क्यों कि लोगों को प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। लोगों से सहजता पूर्वक जुड़ाव और उनसे घुलना मिलना तो प्रियंका गांधी की विशेषता है ही साथ ही खासकर यूपी में राजनीतिक परिस्थितियां भी ऐसी हैं कि यहां कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा पार्टी को लीड करे।
ऐसे में प्रियंका गांधी अगर यूपी में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं तो इसका कांग्रेस पार्टी को ना सिर्फ लोकसभा चुनाव में फायदा होगा बल्कि इसका सकारात्मक असर यूपी के 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी अच्छा खासा पड़ेगा। यूपी में अभी तक कांग्रेस पार्टी के राज्य से संबंधित राष्ट्रीय नेता और प्रदेश के नेतागण अपनी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं तथा उन्हें अब प्रियंका गांधी का साथ मिल जाने से पार्टी कार्यकर्ता दुगुने उत्साह के साथ पार्टी हित में काम करेंगे। क्यों कि राहुल गांधी की राष्ट्रीय राजनीति में लगातार व्यस्तता रहेगी। ऐसे में खासकर उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की जनकल्याणकारी और राष्ट्र हितैषी विचारधारा की बदौलत पार्टी की राजनीतिक जमीन और उपजाऊ बनेगी तो इसे यूपी के हित में भी कहा जाएगा और व्यापक जनभावनाओं के अनुरूप भी।
क्योंकि कांग्रेस पार्टी यूपी में दो दशक से ज्यादा समय से सत्ता से बाहर है। राज्य की राजनीति में कांग्रेस को सशक्त भूमिका में लाने और पार्टी को राज्य की सत्ता के शिखर तक भी पहुंचाने में प्रियंका गांधी का अग्रणी भूमिका हो सकती है। यूपी में आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का महागठबंधन बना है। इस महागठबंधन ने राज्य में कांग्रेस पार्टी के लिये सिर्फ दो सीटें छोड़ी थी, ऐसे में कांग्रेस पार्टी में यूपी को लेकर कोई बड़ा निर्णय होना तो स्वाभाविक ही था।
यह निर्णय प्रियंका गांधी के राजनीतिक पदार्पण में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। प्रियंका गांधी की मदद से कांग्रेस पार्टी के यूपी में परंपरागत वोट बैंक को सहेजने में भी मदद मिलेगी, जो निकट भविष्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये तो पार्टी के लिये काफी मूल्यवान साबित होगा ही साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी यूपी की राजनीति में बड़ी ताकत के रूप में स्थापित हो जाएगी।
प्रियंका गांधी अभी तक अमेठी और रायबरेली में ही लोकसभा चुनाव के मौके पर अपनी भूमिका निभाती रही हैं लेकिन अब उनकी भूमिका पूरे उत्तरप्रदेश में होगी। इस प्रकार प्रियंका गांधी की भूमिका का बढ़ा दायरा कांग्रेस पार्टी का ग्राफ बढ़ाने में भी मददगार बनेगा। प्रियंका गांधी यूपी में लोकसभा चुनावों के टिकट वितरण से लेकर चुनावी रणनीति तय करने और पार्टी के चुनाव प्रचार में भी अग्रणी भूमिका में रहेंगी। उम्मीद की जा सकती है कि प्रियंका गांधी की यह नई पारी कांग्रेस विरोधियों की इस धारणा को तोड़ने में कामयाब होंगी कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस पार्टी अब खत्म हो चुकी है।
यूपी में पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 2 सीटें ही मिली थीं। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिये यूपी में पाने के लिये अभी बहुत कुछ है। बस आवश्यकता है तो उत्साह और एकजुटता पूर्वक काम करने की, जो प्रियंका गांधी के नेतृत्व में न यह सिर्फ संभव होगा बल्कि कांग्रेस पार्टी को इसका लाभ भी मिलेगा। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि प्रियंका की आंधी में  कांग्रेस पार्टी के लिये यूपी सध जाएगा।
कृष्णमोहन झा
( लेखक IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,
 डिज़ियाना मीडिया समूह के
राजनैतिक संपादक है )
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