Friday - 5 January 2024 - 12:52 PM

क्या नीतीश के सीएम बनने में हैं मुश्किलें, बीजेपी में हलचल शुरू

कुमार भवेश चंद्र 

चुनाव के नतीजे के बाद नई सरकार बनने की गहमागहमी शुरू हो गई है। कल अंतिम नतीजे आने से पहले ही मुख्यमंत्री आवास में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया। नीतीश कुमार को बधाई देने की औपचारिकता पूरी करने के बाद आगे की रणनीति पर विचार भी किया गया। इसमें नई सरकार के गठन के साथ ही मंत्रिपरिषद के नए चेहरों पर भी विचार और मंथन का दौर शुरू हो गया।

इन सबके बीच बीजेपी खेमे से मुख्यमंत्री पद के साथ अगले उप मुख्यमंत्री के चेहरों पर भी विचार शुरू हुआ है। इन चर्चाओं में नीतीश कुमार की जगह भाजपा के मुख्यमंत्री को लेकर भी खुसर पुसर शुरू हो गई है। इस बीच बीजेपी नेता और जेपी नड्डा के गुरु रहे डॉ रमाकांत पांडेय ने तो खुलकर बीजेपी के मुख्यमंत्री की मांग सामने रख दी है।

बीजेपी में ‘बड़े भाई’ की भूमिका पर चर्चा

नए नतीजे के परिप्रेक्ष्य में बीजेपी के नेता एनडीए में बड़े भाई की भूमिका के दावे करने लगे हैं हालांकि इसको लेकर अभी मुखर नहीं दिख रहे हैं। बताया जा रहा है दिल्ली से संकेत का इंतजार है। दिल्ली से संकेत के बाद इस बारे में कुछ नेता मुखर हो सकते हैं। लेकिन चर्चा ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चूंकि चुनावी रैलियों में नीतीश को मुख्यमंत्री बनाए जाने का वादा किया है इसलिए इसको लेकर सिग्नल मिलने की संभावना कम ही है।

दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर विचार

बीजेपी के भीतर इस बात को लेकर भी गंभीर चर्चा है कि यदि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना ही तय होता है तो पार्टी के पक्ष में जनादेश का ध्यान रखते हुए दो उपमुख्यमंत्री पर विचार किया जाना चाहिए। यूपी की तर्ज पर ये उप मुख्यमंत्री अगड़े और पिछड़े समुदाय से होने की बात कही जा रही है। एक चर्चा ये भी है कि इस बार सुशील मोदी की बजाय किसी दूसरे नेता को यह अवसर मिले। सुशील मोदी को केंद्र सरकार में कोई भूमिका देने की बात हो सकती है। प्रदेश में उप मुख्यमंत्री के रूप में अगड़ा समाज से गिरिराज सिंह और पिछड़ों की ओर से नित्यानंद राय का नाम सामने आ रहा है।

नीतीश कुमार को सीएम बनाना मजबूरी

नीतीश कुमार को सीएम बनाने का सवाल भाजपा के लिए केवल चुनावी प्रतिबद्धता का सवाल नहीं है। माना जा रहा है कि पार्टी नीतीश कुमार को इग्नोर करके किसी तरह की सियासी जोखिम मोल लेना नहीं चाहती है। ताजा चुनाव में उनकी पार्टी की सीटें जरूर घट गई हैं लेकिन प्रदेश सरकार के चेहरे के रूप में उनको ही स्वीकृति मिली है। वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं, नीतीश इस जीत के हीरो हैं। उनकी पार्टी जरूर हार गई है लेकिन वह हारकर भी जीत गए हैं। बीजेपी के सामने उनको सीएम चुनने के अलावा कोई अधिक विकल्प नहीं है।

लेकिन कठपुतली सीएम होंगे नीतीश

मौजूदा सियासी परिस्थितियों में नीतीश कुमार सीएम बनाए भी जाते हैं तो वह पहले की तरह मजबूत नहीं रहेंगे। बीजेपी को अब सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। यानी बीजेपी कोटे से मंत्रियों की संख्या अधिक होगी जबकि जेडीयू खेमे से मंत्रियों की संख्या कम रहेगी। इसके अलावा बीजेपी की ओर से दो उपमुख्यमंत्री बनाकर उनपर और भी अधिक अंकुश लगाने की रणनीति को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। ऐसे नीतीश के करीब रहे एक पत्रकार का दावा है कि वे शायद लंबे समय तक ये स्थिति नहीं संभाल पाए और संयम खो सकते हैं। वे यह कहने में भी संयम नहीं बरत रहे कि नीतीश भले ही इस वक्त आरजेडी के भय से एनडीए के मुख्यमंत्री बना दिए जाएं लेकिन जल्द ही सरकार में उनकी भूमिका सीमित करके उन्हें अस्थिर कर दिया जाए।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

यह भी पढ़ें :नीतीश कुमार को लेकर चिराग पासवान ने क्या कहा?

यह भी पढ़ें : बिहार : एनडीए की जीत की क्या रही वजह

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com