Friday - 5 January 2024 - 3:08 PM

बातचीत खत्म : न सरकार झुकी न किसान

प्रमुख संवाददाता

नई दिल्ली. सरकार और किसान नेताओं की 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा खत्म हो गई है. आज की बातचीत के बाद सरकार ने किसान नेताओं का आभार प्रकट कर दिया. बातचीत के लिए कोई नई तारीख तय नहीं की गई है. सरकार ने किसान नेताओं के पाले में यह कहते हुए गेंद फेंक दी है कि अब किसान हमारे प्रस्तावों पर विचार करें, पुनर्विचार करें, फिर बातचीत चाहें तो जगह तय करके सरकार को बुला लें.

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के बीच कुछ लोग गलतफहमियां पैदा किये हुए हैं. किसानों को बरगलाया जा रहा है. सरकार ने तमाम प्रस्ताव दिए मगर किसान नेताओं ने सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए. वह इस पर भी राजी नहीं हुए कि डेढ़ साल क़ानून रद्द रहेंगे और कमेटी से किसानों की बातचीत चलती रहेगी मगर किसानों ने इस बात को नहीं माना.

कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत में मर्यादा का पालन तो हुआ मगर किसानों के हित की दिशा में कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. सरकार का लक्ष्य किसानों की प्रगति है. उन्होंने कहा कि सरकार तैयार है मगर निर्णय नहीं हो पाया इसका मतलब साफ़ है कि कोई ताकत है जो किसानों को बरगलाए हुए है.

11वें दौर की बेनतीजा बातचीत में यह सन्देश भी साफ़ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत का पुल टूट गया है. कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत पूरी हुई. किसान नेताओं ने भी कहा कि हमें तीन घंटे इंतज़ार करवाया गया. बातचीत तो सिर्फ 15 मिनट ही हुई. इन 15 मिनटों में सरकार ने पूर्व की वार्ताओं में पेश किये गए सरकारी प्रस्ताव दोहराए. उन्हें मान लेने को कहा, जिन्हें किसानों नेब ठुकरा दिया तो बातचीत खत्म करने का एलान हो गया और हम वापस लौट आये.

बातचीत टूटने के बाद किसान ट्रैक्टर रैली की तैयारियों में जुट गए हैं. किसान आन्दोलन में किसान नेताओं के रुख और सरकार के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. 14 अक्टूबर से 22 जनवरी के बीच 11 दौर की बातचीत हुई. इस बातचीत में किसान इस पर अड़े रहे कि सरकार क़ानून वापस ले और सरकार इस पर अड़ी रही कि क़ानून वापस नहीं होगा. कोई दूसरा रास्ता बताओ.

यह भी पढ़ें : अब जेड प्लस सुरक्षा घेरे में रहेंगे पूर्व CJI रंजन गोगोई

यह भी पढ़ें : लालू की तबियत बिगड़ी, पिता का हाल जानने रांची पहुँचीं मीसा भारती

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने कहा, इसमें हैरानी नहीं होगी कि जनता नेताओं को पीटने लगे

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : ऐसे लोगों को सियासत से बेदखल करने का वक्त है

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड है. गणतंत्र दिवस से चार दिन पहले बातचीत का टूट जाना शुभ संकेत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली मामले में पुलिस और किसान नेताओं के बीच का मामला बता दिया है. पुलिस और किसानों की बातचीत भी फेल हो चुकी है. बहुत संभव है कि गणतंत्र दिवस से पहले सुप्रीम कोर्ट अपनी ताकत का इस्तेमाल करे.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com