Sunday - 7 January 2024 - 11:12 AM

महिला विश्व मुक्केबाजी में नीतू और स्वीटी के ऐतिहासिक GOLD

  • ओलंपिक विजेता इटली की टेस्टा को विश्व चैंपियनशिप का पहला स्वर्ण

नई दिल्ली. भारतीय मुक्केबाज नीतू घणघस और स्वीटी बूरा ने इतिहास रचते हुए, यहां नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में शनिवार को सनसनीखेज जीत दर्ज कर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया।

2022 के राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू (48 किग्रा) ने अपनी शानदार फार्म बरकरार रखते हुए दो बार की एशियाई कांस्य पदक विजेता मंगोलिया की लुत्साइखान अल्तांसेटसेग को 5-0 से एकतरफा अंदाज में हराकर पहली बार विश्व चैंपियनशिप में पदक हासिल कर लिया।

तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी (81 किग्रा) को चीन की वांग लीना के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक हासिल करने के लिए बाउट की समीक्षा के बाद अंकों के आधार पर 4-3 से जीत हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

नीतू (बांये) व स्वीटी (दांए) Photo credit BFI Media

लवलीना और निखत रविवार को फाइनल में दिखाएंगी दम

भिवानी की 22 वर्षीय मुक्केबाज नीतू ने मंगोलियाई खिलाड़ी पर ताबड़तोड़ मुक्के बरसाकर जोरदार शुरुआत की और सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल करने के लिए लगातार हमले और दृढ़ रक्षा के शानदार संयोजन का प्रदर्शन किया।

नीतू ने मैच के बाद कहा, “स्वर्ण पदक जीतने के बाद मैं बहुत खुश हूँ। पिछले साल स्वर्ण की अपनी खोज में मैं पिछड़ गई थी इसलिए हमने गलतियों पर काम किया और घरेलू समर्थन के सामने इस बार जीत हासिल की।

कल अपने कोचों के साथ चर्चा करने के बाद मैंने पहले दौर से ही आक्रामक होने का फैसला किया था ताकि स्कोर को अपने पक्ष में कर सकूं। मैं कई सालों से कड़ी मेहनत कर रही हूं और यह पदक मेरे लिए बहुत मायने रखता है।”

अपना दूसरा विश्व चैंपियनशिप फाइनल खेल रही स्वीटी को 2018 की विश्व चैंपियन वांग लीना के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। हालांकि, भारतीय खिलाड़ी ने अपनी उच्च तकनीकी क्षमता और शक्ति का उपयोग पूरी बाउट के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी को प्रभावशाली ढंग से पराजित कर दिया।

स्वीटी ने बाउट के बाद कहा, ”मैं विश्व चैंपियन बनने के अपने सपने को पूरा करने के बाद रोमांचित हूं। मुकाबला अच्छा रहा और मैं अपनी योजना को पूरी तरह से क्रियान्वित करने में सफल रही। टूर्नामेंट में मेरा प्रदर्शन बेहतर होता गया क्योंकि मुकाबले आगे बढ़े और मेरा शरीर भी अच्छा साथ दे रहा था।

मैं प्रशंसकों को उनके निरंतर प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।” दोनों मुक्केबाजों को विश्व चैंपियन के पुरस्कार राशि में 82.7 लाख रुपये ($ 100,000) से सम्मानित किया गया। 57 किग्रा भार वर्ग में, टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता इटली की इरमा टेस्टा ने भी अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण जीता।

उन्होंने कजाकिस्तान की करीना इब्रागिमोवा को 5-0 से हराया। इस इटालियन, जिन्होंने चीनी ताइपे के लिन यू-टिंग के खिलाफ कड़े मुकाबले में 1-4 से हार के बाद टूर्नामेंट के पिछले संस्करण में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था,

उसने इस बार उस परिणाम को दोहराने से बचने के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया और एक यादगार उपलब्धि हासिल की। रविवार को मौजूदा विश्व चैंपियन निखत जरीन और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन अपने-अपने फाइनल बाउट के लिए रिंग में उतरेंगी।

निखत (50 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम से भिड़ेंगी, जबकि लवलीना (75 किग्रा) दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया कैटलिन पार्कर से भिड़ेंगी।

मौजूदा विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेताओं सहित 324 मुक्केबाज भाग ले रही हैं। ये मुक्केबाज 12 अलग-अलग भार वर्गों में अपनी चुनौती पेश कर रही हैं। इस टूर्नामेंट में 20 करोड़ रुपये की विशाल पुरस्कार राशि है।

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